- खनन विभाग की तीन एकड़ जमीन पर चल रही नर्सरी
- रामगढ़ राजघराने ने 1965 में कार्यालय के लिए दान में दी थी तीन एकड़ जमीन
Pramod Upadhyay
Hazaribagh : हजारीबाग शहर में सरकारी जमीन और भवन पर मनमाने तरीके से कई लोगों का कब्जा है. इनमें कई सरकारी कर्मी भी हैं, तो कई दबंग हैं. कब्जेधारियों के पास न तो भूमि की लीज है, न ही वह किसी तरह का किराया देते हैं. जिन विभागों की जमीन व भवन पर कब्जा है, उसमें शिक्षा विभाग, वन विभाग और खनन विभाग की भूमि-भवन शामिल है. कोई डीसी के आदेश का हवाला देते हैं, तो कोई बीईईओ के कहने पर उस भवन में रहने की बात करते हैं. वहीं खनन विभाग की भूमि-भवन को कब्जाने वालों की दबंगई के आगे कोई मुंह नहीं खोलता. जिला खनन विभाग के पदाधिकारी कहते हैं कि वह दिसंबर में सेवानिवृत्त होने वाले हैं. इस झाल-झमेले में नहीं पड़ना चाहते हैं.
जानकारी के अनुसार झील रोड स्थित एजुकेशन कॉलोनी के दो भवनों में तीन परिवार रहते हैं. एक में होमगार्ड, दूसरे में शिक्षा विभाग के कर्मी और तीसरे में बरही एरिया ऑफिस में तैनात लिपिक हैं. होमगार्ड समुद्री देवी डीसी ऑफिस में तैनात है और डीसी के आदेश का हवाला देते हुए कहती हैं कि उन्हें एजुकेशन कॉलोनी के क्वार्टर में रहने का आदेश मिला हुआ है. इस संबंध में डीसी से बात करने का प्रयास किया गया, लेकिन उनसे बात नहीं हो सकी.
हिन्दू हाई स्कूल के निकट पुराने डीईओ ऑफिस में नगर बीईईओ ऑफिस के आदेशपाल मुनेश्वर राणा, भोलू और सोनू रहते हैं. वह खुद को बीईईओ का पीए बताते हैं और उनके ही आदेश पर वहां परिवार समेत रहने की बात कहते हैं. इस संबंध में नगर बीईईओ नंदकिशोर शर्मा कहते हैं कि वहां उनका ऑफिस है. आवासीय सुविधा की इजाजत उन्होंने नहीं दी है. कभी-कभी वे लोग परिवार समेत आ जाते होंगे. इस मामले की जांच होगी.
वन विभाग के भवन पर भी अवैध कब्जा है. चार नंबर झील स्थित एक एकड़ जमीन पर कुछ लोगों ने कब्जा कर रखा है. कोई जेल में काम करता है, कोई दैनिक मजदूरी करता है. करीब 13 घर अवैध तरीके से बने हैं. यहां वन विभाग का एक जीर्ण-शीर्ण भवन बना हुआ है. इसमें वन विभाग से दो वर्ष पूर्व सेवानिवृत्त कर्मी बिहारी महतो परिवार समेत रह रहे हैं. वहां के लोगों ने बताया कि यहां वे लोग 50 वर्षों से रह रहे हैं. यह भूमि वन विभाग ने उन्हें रहने के लिए दान में दिया है. इसलिए यहां मकान बनाकर रह रहे हैं.
कार्मल चौक के निकट वन विभाग के क्वार्टर में भी अवैध तरीके से कई लोग रह रहे हैं. किसी ने क्वार्टर में होटल, तो किसी ने अपना पर्सनल ऑफिस बना रखा है. यहां एक डॉक्टर ने क्लिनिक भी खोल रखा है. यहां से वकालत का कारोबार भी चलता है. वहीं पर रोड के दूसरे साइड में वन विभाग का प्रमंडलीय कार्यालय भी चलता है. लेकिन वन विभाग के क्वार्टरों पर कब्जा किए लोगों के प्रति पदाधिकारी भी तमाशबीन बने हुए हैं.
वहीं एसपी आवास के निकट खनन विभाग की तीन एकड़ जमीन पर अवैध तरीके से नर्सरी चलाया जा रहा है. दो होटल भी संचालित हैं. वहीं खनन विभाग का कार्यालय भी चलता है. लेकिन देखने के बावजूद वहां भूमि पर कब्जा करनेवाले दंबगों के खिलाफ बोलनेवाले कोई पदाधिकारी नहीं हैं. एक पदाधिकारी ने कहा कि वह दिसंबर में सेवानिवृत्त हो जाएंगे. इस झाल-झमेले में उन्हें नहीं पड़ना है.