LagatarDesk : अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की एमडी क्रिस्टीना जॉर्जिवा ने भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर सचेत किया है. जॉर्जिवा ने कहा कि ग्लोबल मार्केट में एनर्जी की बढ़ती कीमत संकट पैदा कर सकती है. IMF प्रमुख ने भारत सरकार को सलाह भी दी है. जॉर्जिवा ने कहा है कि भारत को अपनी मौद्रिक नीतियों में भी जरूरत के हिसाब से बदलाव करने की जरूरत है. सरकार को समाज के जरूरतमंद तबके के लिए अपना खजाना खोलना ही होगा. भारत सरकार चाहे तो अपने राजकोषीय घाटे के लक्ष्य में संशोधन कर सकती है.
इकोनॉमी के रोड़े आ सकती है एनर्जी की बढ़ती कीमत
आईएमएफ की एमडी ने पीएम मोदी के फाइनेंशियल मैनेजमेंट की तारीफ भी की. जॉर्जिवा ने कहा है कि महामारी में भी मोदी सरकार का मैनेजमेंट स्ट्रांग रहा. एमडी ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था कोरोना महामारी से उबर रहा है. लेकिन एनर्जी की बढ़ती कीमत भारत की जीडीपी ग्रोथ के रोड़े आ सकती है. यह भारतीय अर्थव्यवस्था को अपना लक्ष्य पूरा करने से रोक सकती है. इसलिए सरकार को ग्लोबल मार्केट के इस संकट से निकलने का रास्ता ढूंढ़ना चाहिए.
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भारत को जरूरतमंदों पर ध्यान देने की जरूरत
जॉर्जिवा ने भारत को सलाह दी कि सबसे पहले ऐसे तबके पर ध्यान देना चाहिए जो सबसे ज्यादा जरूरतमंद है. अभी सिर्फ एनर्जी के दाम नहीं बढ़ रहे. बल्कि फूड प्राइसेज भी ऊपर जा रहे हैं. ऐसे में देश के उन लोगों को बचाना सबसे ज्यादा जरूरी है, जिन्होंने अपना पेट भरने और परिवार चलाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है.
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एनर्जी संकट के कारण महंगाई बढ़ने से लोगों की जेब पर बढ़ेगा बोझ
बता दें कि IMF की पहली डिप्टी एमडी गीता गोपीनाथ ने भी एनर्जी संकट को भारत के लिए सबसे बड़ा जोखिम बताया था. उन्हों ने कहा था कि रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से जो संकट गहराया है. उसका असर भारत सहित दुनियाभर की इकॉनमी पर हुआ है. चूंकि भारत अपनी जरूरत की ज्यादातर एनर्जी आयात करता है. इसलिए ग्लोबल मार्केट में बढ़ती कीमतों का उस पर ज्यादा असर दिखेगा. खुदरा महंगाई पहले ही 6 फीसदी के ऊपर है. अगर इसमें और इजाफा हुआ तो लोगों की जेब पर महंगाई का बोझ बढ़ेगा.
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