LagatarDesk : रूस-यूक्रेन वार अभी भी चल रहा है. इसका असर भारत की अर्थव्यवस्था पर भी पड़ रहा है. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट अनुमान को घटा दिया है. आईएमएफ ने जीडीपी ग्रोथ रेट को घटाकर 8.2 फीसदी कर दिया है. आईएमएफ ने अपनी नयी वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक रिपोर्ट में यह अनुमान जताया है. आईएमएफ ने रिपोर्ट में कहा है कि रूस-यूक्रेन जंग के कारण फ्यूल और खाने-पीने की चीजों के दाम बढ़े हैं. जिसकी वजह से विकास की रफ्तार धीमी पड़ी है.
वित्त वर्ष 2023-24 के लिए भी घटाया ग्रोथ रेट अनुमान
बता दें कि इससे पहले आईएमएफ ने जनवरी में एक रिपोर्ट जारी की थी. तब उसने चालू वित्त वर्ष में देश की जीडीपी ग्रोथ रेट 9 फीसदी रहने का अनुमान जताया था. इतना ही नहीं आईएमएफ ने अगले वित्त वर्ष के लिए भी इकोनॉमिक ग्रोथ रेट अनुमान को कम किया है. वित्त वर्ष 2023-24 में भारत की जीडीपी 6.9 फीसदी की दर से ग्रो करेगी. हालांकि इससे पहले IMF वृद्धि दर 7.1 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया था.
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दुनिया की आर्थिक वृद्धि दर भी घटेगी
आईएमएफ ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण ग्लोबल इकोनॉमिक ग्रोथ रेट भी घटेगी. रिपोर्ट के अनुमान ग्लोबल जीडीपी ग्रोथ रेट में 1 फीसदी की गिरावट आयेगी. वहीं चीन की ग्रोथ रेट 2022 में 4.4% और 2023 में 5.1% रह सकती है. बता दें कि आईएमएफ के आर्थिक वृद्धि दर अनुमान में कटौती से पहले World Bank ने भी भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट अनुमान को घटाया है. विश्वबैंक का अनुमान है कि 2022-23 में इंडिया की जीडीपी 8 फीसदी की दर से ग्रो करेगी.
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