New Delhi : ऑर्गेनाइजड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट (ओसीसीआरपी) द्वारा अडानी समूह पर उसके प्रवर्तक परिवार के साझेदारों से जुड़ी विदेशी इकाइयों के जरिए उसके शेयरों में करोड़ों डॉलर का निवेश करने का आरोप लगाने के बाद कंपनी के शेयरों में गुरुवार को गिरावट आयी. नेशनल खबरों के लिए यहां क्लिक करें
Adani Group rejects OCCRP claims
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— ANI Digital (@ani_digital) August 31, 2023
On allegations of OCCRP, Adani Group says “We categorically reject these recycled allegations. These news reports appear to be yet another concerted bid by Soros-funded interests supported by a section of the foreign media to revive the meritless Hindenburg report. In fact, this… pic.twitter.com/hOfRU4BUSN
— ANI (@ANI) August 31, 2023
अडानी समूह ने सभी आरोपों को खारिज किया है
हालांकि अडानी समूह ने इन सभी आरोपों को खारिज किया है. आरोपों के बाद बीएसई पर अडानी ग्रीन एनर्जी का शेयर 4.43 प्रतिशत गिरकर 927.65 रुपये पर आ गया, जिसका बाजार पूंजीकरण 1.47 लाख करोड़ रुपये है. अडानी पावर का शेयर 3.82 प्रतिशत गिरकर 315.85 रुपये पर आ गया. अडानी एंटरप्राइजेज का शेयर 3.56 प्रतिशत गिरकर 2,424 रुपये पर और अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस का शेयर 3.18 प्रतिशत गिरकर 814.95 रुपये पर आ गया.
एनडीटीवी 2.69 प्रतिशत गिरकर 213.30 रुपये प्रति शेयर पर आ गया
बीएसई पर अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन (एपीएसईज़ेड) 2.75 प्रतिशत गिरकर 796.50 रुपये पर, अडानी टोटल गैस 2.74 प्रतिशत गिरकर 634.60 रुपये पर, एनडीटीवी 2.69 प्रतिशत गिरकर 213.30 रुपये पर और अडानी विल्मर 1.83 प्रतिशत गिरकर 362.20 रुपये प्रति शेयर पर आ गया. एसीसी के शेयर 3.15 प्रतिशत गिरकर 1,937.10 रुपये पर और अंबुजा सीमेंट्स के शेयर 2.84 प्रतिशत गिरकर 431.60 रुपये पर आ गये.
OCCRP जॉर्ज सोरोस और रॉकफेलर ब्रदर्स फंड द्वारा वित्त पोषित है
जॉर्ज सोरोस और रॉकफेलर ब्रदर्स फंड द्वारा वित्त पोषित संगठन ने ऐसे समय में आरोप लगाये हैं, जब कुछ माह पहले अमेरिकी वित्तीय शोध एवं निवेश कंपनी हिंडनबर्ग ने अडानी समूह पर बही-खातों में धोखाधड़ी तथा शेयरों के भाव में गड़बड़ी के साथ विदेशी इकाइयों के अनुचित उपयोग का आरोप लगाया था. इन आरोपों के बाद समूह के शेयरों में बड़ी गिरावट आयी थी. कई टैक्स हेवन की फाइलों और अडानी समूह के कई आंतरिक ईमेल की समीक्षा का हवाला देते हुए ओसीसीआरपी ने कहा कि उसकी जांच में कम से कम दो मामले पाये गये जहां अस्पष्ट निवेशकों ने ऐसी विदेशी इकाइयों के जरिए अडानी के शेयर खरीदे व बेचे.
टैक्स हेवन देशों में अन्य देशों की अपेक्षा बहुत कम टैक्स लगता है
टैक्स हेवन उन देशों को कहते हैं जहां अन्य देशों की अपेक्षा बहुत कम कर लगता है. ओसीसीआरपी ने दावा किया कि नासिर अली शाबान अहली और चांग चुंग-लिंग नामक दो लोगों के अडानी परिवार के साथ लंबे समय से व्यापारिक संबंध हैं और उन्होंने गौतम अडानी के बड़े भाई विनोद अडानी से जुड़ी समूह कंपनियों आदि में निदेशक तथा शेयरधारक के रूप में भी काम किया है.
ओसीसीआरपी ने आरोप लगाया कि इन लोगों ने विदेशी इकाइयों के जरिए कई वर्षों तक अडानी के शेयर खरीदे व बेचे और इससे काफी मुनाफा कमाया. आरोप लगाया कि दस्तावेजों से पता चलता है कि उनके निवेश की प्रभारी प्रबंधन कंपनी ने गौतम अडानी के बड़े भाई विनोद अडानी की कंपनी को उनके निवेश में सलाह देने के लिए भुगतान किया था.
आरोप एक दशक पहले बंद हो चुके मामलों पर आधारित हैं
अडानी समूह ने एक बयान जारी कर स्पष्ट रूप से इनका खंडन करते हुए कहा कि इसमें पुराने आरोपों को अलग तरीके से दोबारा पेश किया गया. समूह ने इसे बेवकूफ हिंडनबर्ग रिपोर्ट को पुनर्जीवित करने के लिए विदेशी मीडिया के एक वर्ग द्वारा समर्थित सोरोस-वित्त पोषित हितों का एक प्रयास घोषित किया. बयान में कहा गया, ये दावे एक दशक पहले बंद हो चुके मामलों पर आधारित हैं जब राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने अधिक चालान, विदेश में धन हस्तांतरण, संबंधित पक्ष लेनदेन तथा एफपीआई के जरिए निवेश के आरोपों की जांच की थी.
आरोपों की कोई प्रासंगिकता या आधार नहीं है
एक स्वतंत्र निर्णायक प्राधिकारी और एक अपीलीय न्यायाधिकरण दोनों ने पुष्टि की थी कि कोई अधिक मूल्यांकन नहीं था और लेनदेन लागू कानून के तहत थे. समूह ने कहा, ‘मार्च 2023 में मामले को अंतिम रूप दिया गया जब भारत के सुप्रीम कोर्ट ने हमारे पक्ष में फैसला सुनाया. स्पष्ट रूप से, चूंकि कोई अधिक मूल्यांकन नहीं था, इसलिए धन के हस्तांतरण को लेकर इन आरोपों की कोई प्रासंगिकता या आधार नहीं है.