Thiruvanthapuram : मुस्लिम समुदाय Pocso act की जद से बाहर नहीं है. केरल हाईकोर्ट ने मुस्लिम पर्सनल लॉ को लेकर यह फैसला सुनाया है. हाईकोर्ट ने कहा कि बेशक उनका (मुस्लिम) पर्सनल लॉ 15 साल से ज्यादा उम्र की लड़की से शादी और शारीरिक संबंध बनाने की इजाजत देता है, लेकिन पाक्सो एक स्पेशल एक्ट है. इसे मुस्लिम लॉ से ऊपर माना जायेगा. कोर्ट का कहना था कि पाक्सो एक्ट मुस्लिम पर्सनल लॉ से ऊपर है.
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मुस्लिम लॉ में 15 साल की उम्र के बाद नाबालिग लड़की शादी कर सकती है
सुनवाई के क्रम में जस्टिस राजेंद्र बडामिकर ने बचाव पक्ष की दलील को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि मुस्लिम लॉ में 15 साल की उम्र के बाद नाबालिग लड़की शादी कर सकती है. ऐसे में उस पर पाक्सो एक्ट के साथ बाल विवाह निरोधक कानून लागू नहीं होता. लेकिन कोर्ट का कहना था कि पाक्सो एक स्पेशल एक्ट है. लिहाजा इन दलीलों को नहीं माना जा सकता. कोर्ट ने माना कि पाक्सो एक्ट मुस्लिम पर्सनल लॉ की जद से बाहर है. शारीरिक संबंध बनाने की उम्र 18 साल से ऊपर तय की गयी है.
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मुस्लिम शख्स पर नाबालिग मुस्लिम लड़की को गर्भवती करने का आरोप
खबरों के अनुसार कोर्ट में एक ऐसे मामले में जमानत याचिका पर सुनवाई की जा रही थी जिसमें एक मुस्लिम शख्स पर नाबालिग मुस्लिम लड़की को गर्भवती करने का आरोप था. आरोपी के खिलाफ पाक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया था. कोर्ट के अनुसार आरोपी के खिलाफ पुलिस के एसआई की शिकायत पर केस दर्ज किया गया है. पुलिस ने मेडिकल रिपोर्ट के बाद एफआईआर दर्ज की थी. आरोपी के खिलाफ बाल विवाह निरोधक कानून के सेक्शन 9 और 10 के तहत केस दर्ज किया गया था. उसके खिलाफ पाक्सो एक्ट के सेक्शन 4 और 6 के तहत भी आरोप हैं.
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नाबालिग लड़की को शादी के अंजाम के बारे में पता था
बचाव पक्ष का तर्क था कि मुस्लिम पर्सनल लॉ नाबालिग से शादी की अनुमति देता है. लेकिन कोर्ट ने साफ किया कि पाक्सो एक्ट मुस्लिम पर्सनल लॉ से ऊपर है. हालांकि कोर्ट ने यह भी कहा कि नाबालिग लड़की को शादी के अंजाम के बारे में पता था. लेकिन ऐसा कोई तथ्य सामने नहीं आया है जिससे कहा जा सके कि शादी उसकी मर्जी के खिलाफ हुई थी. कोर्ट ने आरोपी की जमानत मंजूर करते हुए कहा कि पीड़िता को इस हालत में देखभाल की जरूरत है. याचिकाकर्ता अपनी पत्नी की देखभाल कर सकता है.