Islamabad : पाकिस्तान कंगाल हो गया है. प्रधानमंत्री इमरान खान ने यह बात स्वीकार कर ली है. इमरान ने कहा है कि पाकिस्तान की सबसे बड़ी समस्या यह है कि हमारे पास पैसा नहीं है, जिससे देश को चलाया जा सके. कहा कि इसी वजह से पाकिस्तान को कर्जा लेना पड़ रहा है. जान लें कि इमरान खान ने कहा कि जिस घर में खर्च ज्यादा हो और आमदनी कम हो तो वह घर हमेशा परेशानियों से घिरा रहेगा, कुछ यही हाल पाकिस्तान का हो गया है. इमरान का यह बयान अब सोशल मीडिया में जमकर शेयर किया जा रहा है. बता दें कि पाकिस्तान को विदेशी कर्जे से मुक्त करके रियासत-ए-मदीना बनाने का वादा इमरान खान ने किया था.
पाकिस्तान को अब विदेशी एजेंसियां भी कर्ज नहीं दे रही हैं
इमरान खान का कहना था कि खर्च ज्यादा होने की वजह से पाकिस्तान निवेश नहीं कर पा रहा है. इससे देश का विकास नहीं हो पा रहा है. सभी जानते हैं कि लोन लेकर लोन चुका रहे कंगाल पाकिस्तान को अब विदेशी एजेंसियां भी कर्ज नहीं दे रही हैं. आईएमएफ ने पाकिस्तान को एक अरब डॉलर का लोन देने से मना कर दिया है. यहां तक कि आईएमएफ को मनाने के लिए इमरान खान ने बिजली और पेट्रोल-डीजल की कीमतों में भारी वृद्धि की, लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ.
इसे भी पढें : 6G लाने की तैयारी में सरकार, वैष्णव ने कहा, टेलीकॉम की दुनिया में होगा भारत का बोलबाला
मौजूदा आर्थिक स्थिति के लिए पिछली सरकार और उसके मंत्री जिम्मेदार
‘ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, फेडरल बोर्ड ऑफ रिवेन्यु (FBR) के पहले ट्रैक एंड ट्रेस सिस्टम के उद्घाटन समारोह में इमरान खान ने कहा कि देश की मौजूदा आर्थिक स्थिति के लिए पिछली सरकार और उसके मंत्री जिम्मेदार हैं. उन्होंने ब्रिटेन का उदाहरण देते हुए कहा कि पाकिस्तान से 50 गुना अधिक आय वाले ब्रिटेन के मंत्री जब विदेश यात्रा पार जाते हैं तो पांच घंटे से कम की फ्लाइट के लिए वे इकॉनमी क्लास का उपयोग करते हैं. इसके उलट, अतीत में पाकिस्तानी नेताओं ने इस पर जमकर पैसा खर्च किया.
इसे भी पढें : मोदी कैबिनेट की बैठक में तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने के प्रस्ताव पर मुहर लगने की खबर
अवाम पूरी ईमानदारी से टैक्स भरे
कहा कि ब्रिटेन के प्रधानमंत्री जब अमेरिकी यात्रा पर जाते हैं तो देश का पैसा बचाने के लिए यूएस स्थित यूके के दूतावास में रुकते हैं. लेकिन पाकिस्तान में, दुर्भाग्य से ये संस्कृति कभी विकसित नहीं हुई. हमारे शासकों ने कभी लोगों को करों का भुगतान करने के लिए प्रोत्साहित करने के उपाय नहीं किये. इमरान खान ने इशारा किया कि देश तभी आर्थिक संकट से बाहर निकल सकता है जब अवाम पूरी ईमानदारी से टैक्स भरे.
आईएमएफ ने पाकिस्तान सरकार के गिड़गिड़ाने पर उसे तबाही के कगार पहुंची अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए 6 अरब डॉलर का एक्सटेंडेड फंड फैसिलिटी दिया था. इसके तहत किश्त के रूप में एक अरब डॉलर दिया जाना था. पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार पाकिस्तान सरकार और आईएमएफ के बीच इस राशि को लेकर सहमति नहीं बन पायी.
इसे भी पढें : मणिशंकर अय्यर बोले, 2014 के बाद चीन के डर से हम अमेरिका के गुलाम बन गये हैं, हो रहे ट्रोल
हर पाकिस्तानी पर 1 लाख 75 हजार रुपये का कर्ज
इमरान खान सरकार विदेशी कर्ज नहीं लेने का वादा करके सत्ता में आयी थी. लेकिन अब लोन चुकाने के लिए लगातार लोन लेती जा रही है. हाल में ही पाकिस्तानी संसद में इमरान खान सरकार ने कबूल किया था कि हर पाकिस्तानी के ऊपर अब 1 लाख 75 हजार रुपये का कर्ज है. जब इमरान ने पाकिस्तान की सत्ता संभाली थी तब देश के हर नागरिक के ऊपर 120099 रुपये का कर्ज था.