Dhanbad : आस्था का महापर्व चैती छठ कोयलांचल में श्रद्धा के साथ मनाया गया. रविवार को धनबाद और बोकारो के विभिन्न छठ घाटों पर व्रतियों ने अस्ताचलगामी भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया. बड़ी संख्या में श्रद्धालु और छठ व्रती बेकार बांध , पम्पू तालाब ,रानी तालाब , झरिया राजा तालाब , लाल बंगला दामोदर नदी, डुमरी घाट, मोहलबनी घाट सहित शहर के विभिन्न घाटों पर पहुंचे थे. इस मौके पर छठी मैय्या के जयकारे से पूरा घाट गूंजता रहा. छठ घाट पर जिला प्रशासन की ओर से सारी तैयारी पहले ही पूरी कर ली गई थी.
घाट पर मौजूद छठव्रतियों की मानें तो लोक आस्था का महापर्व छठ वर्ष में दो बार मनाया जाता है. चैत्र शुक्ल पक्ष की षष्ठी पर मनाए जाने वाले छठ पर्व को चैती छठ और कार्तिक शुक्ल पक्ष की षष्ठी पर मनाये जाने वाले पर्व को कार्तिकी छठ कहा जाता है.यह प्रकृति को चलाने वाले सूर्यदेव की उपासना का पर्व है. यह देवी कात्यायनी से आशीर्वाद मांगने का पर्व है. छठ दिखाता है कि जिसका अंत है, उसका उदय भी होगा.
इस पर्व को कोई आस्था के नाम पर करता है, तो कोई मनोकामना के साथ करता है और कोई मनोकामना पूर्ण होने पर करता है.यह विशेष रूप से बिहार और पूर्वांचल के लोगों की आस्था का प्रतीक है, लेकिन अब इसे पूरे देश में मनाया जाने लगा है. इस पर्व को स्त्री और पुरुष समान रूप से मनाते हैं. वहीं सोमवार की सुबह उदयीमान भगवान भास्कर को अर्घ्य देने के साथ ही लोक आस्था का चार दिवसीय महापर्व का समापन हो जाएगा.
हजारों छठ व्रतधारियों ने मैथन डैम छठघाट पर डूबते सूर्य को दिया अर्घ्य
मैथनः हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी मैथन डैम के गोगना छठ घाट पर रविवार को हजारों छठ व्रतधारियों ने चैती छठ पूजा का पहला अर्घ्य डूबते हुए सूर्य को दिया और अपने-अपने परिवार में सुख-शांति की मंगल कामना की. मैथन छठ पूजा सेवा समिति ने घाट पर विशेष व्यवस्था की है, ताकि छठ व्रतियों एवं श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी न हो. वहीं मैथन ओपी प्रभारी आकृष्ट अमन ने पुलिस बलों की तैनाती कर सुरक्षा व्यवस्था का पुख्ता इंतजाम किया है.
जारंगडीह में छठ व्रतियों ने अस्ताचलगामी सूर्य को दिया अर्घ्य
Kathara (Bokaro) : चैती छठ के चार दिवसीय अनुष्ठान के तीसरे दिन रविवार को छठ व्रतियों ने अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया. नेम निष्ठा के साथ किया जाने वाला छठ पर्व बेरमो प्रखंड के जारंगडीह में भी बड़े धूमधाम व हर्षोल्लास पूर्वक मनाया जा रहा है. इस दौरान छठव्रती गाजे बाजे के साथ छठ घाट पहुंचे और अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया. छठ पूजा को लेकर छठ घाटों को भी सजाया गया. छठ घाट जाने वाले रास्ते को रंगोली बनाकर आकर्षक रूप दिया गया. बताते चलें कि लोक आस्था का चार दिवसीय अनुष्ठान सोमवार प्रातः उदयीमान सूर्य को अर्घ्य देने के बाद संपन्न हो जायेगा.
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