NewDelhi : कहा जा रहा है कि भारत में कोरोना वायरस से हुई मौतों की संख्या बहुत कम बताई जा रही है. इकोनॉमिस्ट सहित कई समाचार माध्यम और स्वतंत्र महामारी एक्सपर्ट्स अनुमान जता रहे हैं कि भारत में कोविड-19 से सरकारी संख्या के मुकाबले पांच से सात गुना अधिक मौतें हुई हैं.
जान लें कि वर्जीनिया कॉमनवेल्थ यूनिवर्सिटी, अमेरिका के क्रिस्टोफर लेफलर के शोध पत्र में भारत में महामारी के बाद 18 लाख से 24 लाख लोगों की मौत होने का अनुमान लगाया गया है. तेलंगाना में बीमा दावों पर आधारित ताजा अध्ययन कहता है कि अधिकृत संख्या की तुलना में वायरस से छह गुना अधिक मौतें हुई हैं.
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सरकारी संख्या मौतों की वास्तविक संख्या से बहुत कम बताई जा रही है
मई के मध्य में हर दिन चार हजार मौतों के पीक की जगह अब मौतों की अधिकृत संख्या में लगातार गिरावट आने की खबर है. लेकिन कुछ सर्वे बताते हैं कि सरकारी संख्या मौतों की वास्तविक संख्या से बहुत कम बताई जा रही है. मौतों का अनुमान अविश्वसनीय सरकारी डेटा, कंपनियों के रिकॉर्ड और अखबारों में छपने वाले शोक संदेशों से लगाया गया है. इसके अलावा जनमत सर्वेक्षणों से भी मौतों की संख्या अधिक होने की जानकारी मिल रही है.
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प्रश्नम के फाउंडर राजेश जैन ने इन परिणामों की अमेरिकी सर्वे से तुलना की
सर्वेक्षण ग्रुप प्रश्नम ने उत्तर भारत के हिंदी भाषी राज्यों के अधिकतर ग्रामीण इलाकों में 15 हजार लोगों से पूछा था कि क्या उनके परिवार या पड़ोस में किसी व्यक्ति की कोरोना वायरस मौत हुई है? जवाब में छह में से एक व्यक्ति या 17 फीसदी लोगों ने हां कहा. प्रश्नम के फाउंडर राजेश जैन ने इन परिणामों की अमेरिकी सर्वे से तुलना की है. जिनमें लोगों से इसी तरह का सवाल पूछा गया था.
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19 फीसदी लोगों ने बताया कि उनके रिश्तेदार की महामारी में मौत हुई
मार्च में शिकागो यूनिवर्सिटी के एक सर्वे में 19 फीसदी लोगों ने बताया कि उनका निकट मित्र या रिश्तेदार की महामारी में मौत हुई है. जैन के अनुसार इन नतीजों में समानता को देखते हुए अनुमान है कि भारत में कोविड-19 से मृत्यु दर भारत के सरकारी आंकड़ों प्रति दस लाख पर 230 के मुकाबले प्रति दस लाख लोगों पर 1800 है. यदि भारत की मृत्यु दर अमेरिकी अनुमान के बराबर है तो देश में अब तक 25 लाख मौतें हो चुकी हैं.
जान लें कि चुनाव सर्वेक्षण करने वाली एजेंसी सी वोटर पिछले साल जून से देशभर में दस भाषाओं के लोगों से हर दिन कोविड-19 पर जानकारी ले है. उसकी टीम लगातार लोगों से पूछ रही है कि क्या उनके परिवार के किसी सदस्य की वायरस से मौत हुई है? खबर है कि सितंबर में पहली लहर के बाद इस सवाल का हां में जवाब देने वाले लोगों की संख्या बढ़ी है. यह 1 प्रतिशत के आसपास रही थी लेकिन, इस साल अप्रैल और मई में यह बढ़कर 7.4 प्रतिशत हो गयी.
भारत में लगभग 25 करोड़ परिवार हैं
सी वोटर के प्रमुख यशवंत देशमुख का कहना है कि भारत में लगभग 25 करोड़ परिवार हैं. कहा कि मई के मध्य तक कोविड-19 से मरने वाले लोगों की संख्या दस लाख 83 हजार के आसपास हो सकती है. देशमुख इस बहाने को खारिज करते हैं कि भारत सरकार के विभागों में सही आंकड़े देने की क्षमता का अभाव है. देशमुख ने कहा कि इसका संबंध क्षमता से नहीं बल्कि नीयत से है