LagatarDesk : केंद्र सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर बड़ा फैसला लिया है. इसके लिए सरकार रेग्युलेटरी मेकैनिज्म को अंतिम रूप दे रही है. दरअसल सरकार क्रिप्टोकरेंसी के लिए ऐसा कानून लाने की तैयारी कर रही है जिसमें इसे करेंसी यानी मुद्रा की मान्यता नहीं मिलेगी. बल्कि इसे ऐसेट यानी संपत्ति के रूप में भारत में मान्यता मिल सकती है. बता दें कि यदि क्रिप्टोकरेंसी को करेंसी के रूप में मान्यता नहीं मिली तो इसे ट्रांजेक्शन और पेमेंट के लिए उपयोग नहीं किया जा सकेगा. लेकिन इसे शेयर, बॉन्ड या गोल्ड की तरह असेट क्लास के अंतर्गत रखा जा सकता है.
क्रिप्टोकरेंसी के लिए रूपरेखा कर लिया गया है तैयार
माना जा रहा है कि वित्त मंत्रालय, सूचना प्रसारण मंत्रालय और कानून मंत्रालय ने इसके लिए रूपरेखा तैयार कर लिया है. सरकार जो कानून लेकर आयेगी उसमें क्रिप्टो ट्रेडिंग की मान्यता होगी. खबरों की मानें तो 29 नवंबर से शुरू होने वाले सदन के शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरेंसी पर सरकार बड़ा फैसला ले सकती है. रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार क्रिप्टोकरेंसी को करेंसी का दर्जा नहीं देगी. बल्कि इसे बॉन्ड, गोल्ड और शेयर की तरह असेट क्लास के अंतर्गत रखा जा सकता है. इसके अलावा सरकार क्रिप्टो कानून में क्रिप्टोकरेंसी में निवेश से होने वाली कमाई पर टैक्स संबंधी नियम लागू कर सकती है.
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सेबी कर सकता है क्रिप्टोकरेंसी को रेग्युलेट
सूत्रों की मानें तो क्रिप्टो कानून को लेकर डिटेलिंग पर काम जारी है. यह अगले 2-3 सप्ताह में पूरा कर लिया जायेगा. क्रिप्टोकरेंसी को सेबी रेग्युलेट कर सकता है. हालांकि इस संबंध में आखिरी फैसला नहीं लिया गया है. इसे कौन रेग्युलेट करेगा इस पर चर्चा जारी है.
पीएम मोदी की अहम बैठक में बैन नहीं करने पर सबकी सहमति
बता दें कि पिछले सप्ताह शनिवार को खुद पीएम मोदी ने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर एक हाई लेवल मीटिंग की थी. इसकी लोकप्रियता और स्वीकार्यता को ध्यान में रखकर सरकार के ज्यादातर प्रतिनिधियों ने क्रिप्टोकरेंसी पर बैन नहीं लगाने की सलाह दी है. बैठक में उपस्थित लोगों का कहना था कि यह एक टेक्नोलॉजी का एडवांसमेंट है. ऐसे में डिजिटल करेंसी पर पूरी तरह बैन नहीं लगाया जा सकता है.
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क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता देने के खिलाफ है आरबीआई
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की बात करें तो वो डिजिटल करेंसी के खिलाफ है और इसे बैन करने की मांग कर रहा है. आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने भारत में क्रिप्टोकरेंसी को कानूनी मान्यता को लेकर सवाल खड़े किये हैं. शक्तिकांत दास ने क्रिप्टोकरेंसी के खतरों को लेकर निवेशकों को आगाह किया है. उन्होंने फाइनेंशियल स्टेबिलिटी के लिहाज से क्रिप्टोकरेंसी को एक बहुत ही गंभीर चिंता का विषय बताया है. रिजर्व बैंक के गवर्नर का कहना है कि क्रिप्टोकरेंसी लॉन्ग टर्म में देश की आर्थिक और वित्तीय स्थिरता के लिए एक गंभीर खतरा है. एक रेगुलेटर के तौर पर आरबीआई के सामने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कई तरह की चुनौतियां हैं.
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