Ranchi: प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत वर्ष 2021 में आवास प्लस के अंतर्गत कुल 4 लाख 3 हजार 504 आवास का लक्ष्य केंद्र सरकार को प्राप्त हुआ है. जिसके विरुद्ध भारत सरकार द्वारा सीधे पंचायत स्तर पर 3 लाख 31 हजार 931 आवासों की स्वीकृति दी गई है. जिसमें कुल 513 आवास को पूर्ण किया गया गया है. वहीं बचे हुए 30 हजार 981 आवासों का आवंटन भी केंद्र सरकार की ओर से शीघ्र होने की संभावना है.
आवास प्लस योजना के लिये समय सीमा कर दी गई तय, 100 दिनों में काम करना होगा पूरा
आवास प्लस योजना के स्वीकृत आवासों को 100 दिन में आवास पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. झारखंड में अब प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण (आवास प्लस) एवं बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर आवास योजना की शुरुआत स्वीकृति के बाद 100 दिनों के अंदर पूरा करना होगा.
वहीं विभागीय समीक्षा के दौरान लक्ष्य के अनुरूप कार्य नहीं करने वाले जिलों में गढ़वा, पलामू, गोडडा, पाकुड़, लातेहार, चतरा,गुमला एवं साहिबगंज जिला हैं, जहां लक्ष्य के अनुरूप कम आवासों को स्वीकृति दी गई है. जिसपर विभाग ने नाराजगी जाहिर की है.
कौन हैं आवास प्लस योजना के लाभुक
सामाजिक -आर्थिक जाति जनगणना (एसईसीसी) के तहत प्रधानमंत्री आवास योजना का आवास प्लस का लाभ दिया जाना है. दरअसल आवास प्लस में वैसे समर्थ श्रेणी के परिवारों का नाम शामिल किया गया है, जिनका नाम एसईसीसी डाटा में अंकित नहीं था. डाटा में नाम नहीं रहने के कारण उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा था. जिसको लेकर योजना के अंतर्गत आवास प्लस में लोगों को चिह्नित करने के लिए 2017 के दिसंबर से सितंबर 2018 तक सर्वे का काम किया गया. इसके तहत पंचायत स्तर पर ग्राम सभा कर लाभुकों का चयन किया गया.
आवास योजनाओं की मॉनिटरिंग के लिए अलग होंगे नोडल पदाधिकारी
ग्रामीण विकास विभाग की ओर से जारी निर्देश के अनुसार, अब उपायुक्त एवं उप विकास आयुक्त के कार्य बोझ को ध्यान में रखते हुए निदेशक राष्ट्रीय नियोजन कार्यक्रम अथवा निदेशक, लेखा प्रशासन एवं स्वनियोजन को दिन-प्रतिदिन की मॉनिटरिंग के लिए नोडल पदाधिकारी नामित किया गया है. जिन जिलों में ये दोनों पद रिक्त हैं, वहां उपायुक्त किसी वरीय पदाधिकारी को नोडल पदाधिकारी नियुक्त करने को कहा गया है.
समय पर निर्माण नहीं होने पर प्रखंड समन्वयक किए जाएंगे सेवा मुक्त
बार-बार निर्देश दिये जाने के बावजूद जिन प्रखंडों में आवास की स्वीकृति, किस्तों का भुगतान एवं आवास पूर्ण नहीं हो पा रही है. उन प्रखंड समन्वयकों को अंतिम अवसर प्रदान करते हुए सेवा मुक्त किया जाए. साथ ही उन प्रखंडों के बीडीओ के विरुद्ध भी अनुशासनात्मक कार्रवाई की प्रक्रिया प्रारंभ करने की चेतावनी विभाग ने दी है.
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