- वनपालों के वन प्रक्षेत्र पदाधिकारी के पद पर प्रोन्नति की प्रक्रिया शुरू
Ranchi: झारखंड खान-खनिजों और वनों से भरा प्रदेश है. राज्य में करीब 29.76 फीसदी वन भूमि है, जिनमें कीमती लकड़ियां, औषधीय पौधे और कई तरह के खनिज पाये जाते हैं. इसकी हिफाजत की जिम्मेदारी वन विभाग की है, लेकिन वन विभाग के पास कर्मचारियों के साथ-साथ अधिकारियों की भी भारी कमी है. झारखंड में वन क्षेत्र पदाधिकारियों के स्वीकृत बल की संख्या 383 है, जबकि वर्तमान में सिर्फ 83 पदाधिकारी ही कार्यरत हैं. इनमें से भी एक पदाधिकारी इसी महीने रिटायर हो जाएंगे. जनवरी 2023 से सिर्फ 82 वन क्षेत्र पदाधिकारी ही प्रदेश में बचेंगे.
रिटायर पदाधिकारियों की जगह कॉन्ट्रेक्ट पर नियुक्त होंगे नये पदाधिकारी
पदाधिकारियों की कमी के कारण एक वन क्षेत्र पदाधिकारी को कई वन प्रक्षेत्रों का प्रभार दे दिया गया है, जिससे उन्हें विधि-व्यवस्था बहाल रखने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. राज्य में कई वनपाल वन क्षेत्र पदाधिकारी के पद पर प्रोन्नत होने की अर्हता रखते हैं, लेकिन अबतक उनकी प्रोन्नति नहीं हुई है. वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग का कहना है कि प्रोन्नति की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. वहीं वन क्षेत्र पदाधिकारियों के रिटायरमेंट के बाद कॉन्ट्रेक्ट पर उनकी नियुक्ति करने का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा गया है, जो विचाराधीन है.
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