Ranchi: रिम्स के प्रवेश द्वार पर ही लिखा गया है कि आप “दलालों से सावधान” हो जाएं, लेकिन दूरदराज और सुदूर ग्रामीण क्षेत्र से आने वाले लोगों को शायद यह नहीं दिखता है, तभी तो रिम्स में दलाल सक्रिय नजर आते हैं. ब्लड दिलाने के नाम पर दलाल मरीजों को अपने चंगुल में फंसा लेते हैं, तो कभी दवा दिलाने के नाम पर. एक बार फिर ऐसा ही मामला प्रकाश में आया है जहां रिम्स के न्यूरो सर्जरी विभाग के ओपीडी में दवा दुकान के एजेंट सक्रिय हैं.
रिम्स के न्यूरो सर्जरी विभाग ओपीडी में सक्रिय हैं एजेंट
रिम्स के न्यूरो सर्जरी विभाग के ओपीडी में दवा दुकान के एजेंट सक्रिय हैं. मरीज जब डॉक्टर से दिखा कर वापस आता है तब दवा दुकान के ये एजेंट उन्हें अपना शिकार बनाते हैं. बुधवार को भी रिम्स के न्यूरो ओपीडी विभाग में दवा दुकान का एजेंट संदीप मरीजों से दवा दिलाने के लिए पर्ची लेते हुए दिखा है. एजेंट संदीप मरीज को दवा दिलाने का दबाव बना रहा था. वह मरीज के थैले को भी चेक कर रहा था कि क्या उसने दवा खरीदी है या नहीं.
एमआर (मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव) भी देखते हैं मरीजों की पर्ची
वहीं न्यूरो सर्जरी विभाग के ओपीडी में दर्जनों की संख्या में एमआर भी चक्कर काटते हैं. मरीज जैसे ही डॉक्टर से दिखा कर वापस आता है, एमआर उन पर टूट पड़ते हैं. उनके पर्ची को लेते हैं और तस्वीर भी खींचते हैं. एमआर देखना चाहते हैं कि क्या न्यूरो के डॉक्टर ने उनके कंपनी की दवाई लिखती है या नहीं.
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निजी सुरक्षा गार्ड और सैप के जवानों के बावजूद भी सक्रिय है एजेंट
वहीं रिम्स की सुरक्षा में निजी कंपनी के सुरक्षाकर्मी और सैप के जवान भी मौजूद रहते हैं, लेकिन दलाल उनकी नजरों से कैसे बच जाते हैं यह सबसे बड़ा सवाल है.