Saraikela : सरायकेला प्रखंड अंतर्गत जगन्नाथपुर में चल रहे श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के तीसरे दिन कथा श्रवण के लिए भारी संख्या में भीड़ जुटी. देवस्थान गोकुलधाम में कथा का शुभारंभ यजमान वसंत प्रधान, मुनु प्रधान और दिनेश प्रधान ने भागवत पुराण, व्यास महाराज का पूजन कर किया. संगीतमय भागवत कथा जय जगदीश हरे वंदना से शुरू हुआ.
भागवत कथा के तीसरे दिन कथावाचक व्यास महाराज दिनेश प्रधान ने मानव सृष्टि की उत्पत्ति के संबंध में लोगों को बताया. उन्होंने बताया कि मानव सृष्टि की संरचना भगवान ब्रह्मा ने मनु एवं शतरूपा से किया. उन्होंने अपने संगीतमय भागवत कथा से सबको मंत्रमुग्ध कर दिया. भक्त श्रोता झूम-झूम कर नृत्य करने लगे. श्रीमद् भागवत कथा के सायंकालीन प्रसंग में नरसिंह अवतार का वर्णन किया गया, जिसमें भक्त प्रह्लाद की अटल भक्ति का श्रवण कर श्रोताजन भाव विभोर हो उठे.
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देवीदत्त प्रधान ने बताया कि भागवत में 18 हजार श्लोक, 335 अध्याय और 12 स्कन्ध हैं. इसके विभिन्न स्कंधों में विष्णु के लीलावतारों का वर्णन बड़ी सुकुमार भाषा में किया गया है, परंतु भगवान कृष्ण की ललित लीलाओं का विशद विवरण प्रस्तुत करने वाला दशम स्कंध भागवत का हृदय है. अन्य पुराणों में, जैसे विष्णु पुराण (पंचम अंश), ब्रह्मवैवर्त (कृष्ण जन्म खंड) आदि में भी कृष्ण का चरित्र निबद्ध है, परंतु दशम स्कंध में लीला पुरुषोत्तम का चरित्र जितनी मधुर भाषा, कोमल पदविन्यास तथा भक्तिरस से आप्लुत होकर वर्णित है वह अद्वितीय है. मौके पर पर बिमल प्रधान, सहदेव सरदार, दामोदर प्रधान, हेमसागर प्रधान, देवीदत्त प्रधान, वशिष्ठ प्रधान, दिपक प्रधान, कृष्ण प्रधान के साथ-साथ आस-पास के गांव के कई लोग उपस्थित होकर श्रवण किए.