Giridih: जिले में आज 6 फ़रवरी को किसानों के समर्थन में विभिन्न राजनीतिक दलों के चक्का जाम कार्यक्रम का मिला-जुला असर देखा गया. जेएमएम व भाकपा माले कार्यकर्ताओं ने गिरिडीह-देवघर, गिरिडीह-धनबाद, गिरिडीह-कोडरमा और गिरिडीह-रांची मुख्य मार्ग को कई जगह पर जाम किया. इस दौरान केंद्र सरकार के खिलाफ और किसानों के समर्थन में जमकर नारेबाजी की गई. जेएमएम कार्यकर्ताओं ने जिलाध्यक्ष संजय सिंह के नेतृत्व में प्रदर्शन किया. भाकपा माले कार्यकर्ताओं ने राजेश सिन्हा, माले नेता ताज़, माले नेत्री प्रीति भास्कर के नेतृत्व में कई जगह सड़क पर उतरे.
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चक्का जाम का यातायात पर असर
देशभर के विभिन्न स्थानों पर किसानों का चक्का जाम दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक चला. इसी क्रम में गिरिडीह विधानसभा के नगर निगम टोल टैक्स मुफ्फसिल थाना के नजदीक आज चक्का जाम किया गया. इस जाम में यह ध्यान दिया गया कि कही एम्बुलेंस को दिक्कत न हो. ज्ञात हो कि किसान लगातार दिल्ली मे अपने हक की मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. 100 से ज्यादा किसान शहिद हो गये हैं. लेकिन केंद्र सरकार अम्बानी और अडानी के सपोर्ट में खड़ी होकर किसानों के हक की बात को दबा रही है. किसानों के हक में भाकपा माले किसान मोर्चा के साथ भाकपा माले ने भी किसानों के साथ कदम से कदम मिलाया.
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माले नेता राजेश सिन्हा ने कहा-
किसानों का कहना है कि केंद्र सरकार के काले कृषि कानून को वापस लेना होगा. अगर कृषि कानून को वापस नहीं लिया गया तो, आंदोलन को और भी तेज किया जायेगा. माले नेता राजेश सिन्हा ने कहा कि क्रांतिकारी विचारधारा वाले घर से बाहर निकलकर इस काले कानून का विरोध करें. केंद्र सरकार देश को रसातल की ओर ले जा रही है. और कुछ क्रांतिकारी विचारधारा वाले लोग दूर से आंदोलन देख रहे हैं.
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चक्का जाम की अगुवाई
गिरिडीह जिले में चक्का जाम की अगुवाई विधानसभा प्रभारी राजेश सिन्हा, माले नेता ताज़, माले नेत्री प्रीति भास्कर, मो शमशेर, सलाउद्दीन, सनातन रवानी, पप्पू खान, सनातन, सुरेश रवानी आदि ने की. इस दौरान इन्होंने केंद्र सरकार के कृषि कानून का जमकर विरोध किया. और कहा कि जबतक ये कृषि कानून वापस नहीं लिए जाते, आंदोलन जारी रहेगा. यहां किसानों के समर्थन में और केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई.
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