Jamshedpur (Ashok kumar) : श्रीलेदर्स के मालिक आशीष डे हत्याकांड में अखिलेश सिंह पर अलग से चल रहे मामले में घटना के अनुसंधानकर्ता साकची के तत्कालीन थाना प्रभारी भोला प्रसाद सिंह ने बुधवार को एडीजे चार राजेंद्र प्रसाद सिन्हा की अदालत में गवाही दी. भोला प्रसाद वर्तमान में रांची एसटीएफ में डीएसपी के पद पर कार्यरत हैं. उन्होंने बताया कि पुरक अनुसंधान करते हुये अखिलेश सिंह के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था.
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वादी से संपर्क कर पूछताछ की थी
गवाही में भोला सिंह ने कहा कि उन्होंने 29 जून 2010 को वादी से संपर्क करने साकची बाजार पहुंचे थे और पूछताछ की थी. 20 जुलाई 2010 को स्मिता होटल पहुंचे थे. होटल मैनेजर श्रीनिवास राव उर्फ राजा से संपर्क करने का प्रयास किया था, लेकिन नहीं हो सका. आशीष डे की पत्नी डोलन डे से भी संपर्क का प्रयास किया गया था. 2 अगस्त 2010 को शौर्या होटल में अमलेश सिंह की ओर से दो व्यक्ति को ठहराने की सूचना मिली थी. जांच में पता चला कि होटल ढाई-तीन साल पहले से ही बंद है. मालिक जवाहर विग से मिलकर रजिस्टर का अलवोकन करना चाहा, लेकिन उनसे मुलाकात नहीं हो सकी. घटना के दो माह पहले तक सोनू और अन्नू स्मिता होटल में जाकर शराब पीते थे. उनका बिल 3 हजार रुपये का आता था. ऐसा एक स्टॉफ ने बताया था. इस बात को केस डायरी में दर्ज नहीं किया था.
गवाह सुनाराम टुडू ने क्या कहा
एमजीएम थाने के रिटायर कर्मचारी सुनाराम टुडू ने गवाही में कहा कि घटना के दिन मैं एमजीएम मेडिकल कॉलेज के पास था. पुलिस की गाड़ी आयी और मुझे थाना ले गयी. एक कागज पर हस्ताक्षर करवाया. क्या बरामद हुआ था इसकी जानकारी मुझे नहीं है. पुलिस ने बाद में पूछताछ भी नहीं की थी. 14 नवंबर 2007 को जितेंदर् कुमार सिंह उर्फ पप्पू के खिलाफ मैंने ऐसा नहीं कहा था कि उसके पास से मोबाइल सेट बरामद हुआ है. वे साफ मुकर गये. मामले में कुल 12 लोगों की गवाही हो चुकी थी. अगली गवाही अब 5 सितंबर को होगी.
2 नवंबर 2007 को हुई थी आशीष डे की हत्या
श्रीलेदर्स के मालिक आशीष डे की हत्या 2 नवंबर 2007 को साकची के आम बागान केपास गोली मारकर कर दी गयी थी. मैनेजर तापस पाल की शिकायत पर साकची थाने में मामला दर्ज कराया गया था. मामले में अमलेश सिंह, बिनोद सिंह और पप्पू डॉन समेत अन्य को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनायी थी. बाद में मामले में सुप्रीम कोर्ट से अमलेश और विनोद सिंह को जमानत मिली थी.
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