Ranchi: टीएसी मामले में एक बार फिर बीजेपी ने हेमंत सरकार को घेरा है. प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद दीपक प्रकाश ने कहा कि टीएसी का गठन असंवैधानिक और अपूर्ण है. भारत के संविधान की पांचवीं अनुसूची का उल्लंघन करते हुए हेमंत सरकार ने टीएसी का गठन किया है. उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार मनमानी करने पर उतारू है. नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए और राज्यपाल के अधिकारों का हनन करते हुए टीएसी का गठन किया गया है.
सरकार ने मनमाने तरीके से किया है टीएसी का गठन
उन्होंने कहा कि इस बार राज्यपाल ने भी सवाल खड़े किये हैं. अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल समेत विधि विशेषज्ञों की राय ने स्पष्ट कर दी है कि सरकार ने टीएसी का गठन मनमाने तरीके से किया है. उन्होंने कहा कि 5वीं अनुसूची संसद से बना कानून है, जिसे राज्य सरकार को बदलने का अधिकार नहीं है. 5वीं अनुसूची आदिवासी समाज के कल्याण और उन्नति से संबंधित है, जिसे हेमंत सरकार अपने तरीके से तोड़ रही है. यह अदिवासी समाज के हितों पर कुठाराघात है.
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6 जून 2021 को बीजेपी ने राज्यपाल से की थी शिकायत
दीपक प्रकाश ने कहा कि सरकार के असंवैधानिक तरीके से टीएसी के गठन को लेकर 06 जून 2021 को पार्टी ने राज्यपाल से शिकायत किया था. इतना ही नहीं टीएसी के गठन पर राज्यसभा में भी सवाल उठाया था. उन्होंने सदन में सवाल पूछते हुए कहा था कि आदिवासी समाज के सर्वांगीण विकास के लिए संविधान के 5वीं अनुसूची के तहत टीएसी के गठन का अधिकार दिया है. जिसमें राज्यपाल का भी अधिकार निहित है. लेकिन हेमंत सरकार ने राज्यपाल के अधिकारों को समाप्त करते हुए टीएसी का गठन किया है. जिसका जवाब देते हुए केंद्रीय आदिवासी कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा था कि यह विषय संवेदनशील है. जनजातियों की सुरक्षा, राज्यपाल के अधिकार व संविधान के तहत दिए गए अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित होना चाहिए. राज्यों को विशेष ध्यान देना चाहिए ताकि टीएसी का उपयोग निजी स्वार्थ के लिए न हो.
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