LagatarDesk : कोरोना महामारी के कारण देश की अर्थव्यवस्था काफी प्रभावित हुआ है. कोरोना काल में केंद्र सरकार का राजस्व में भी कमी आयी है. राजस्व की कमी की भरपाई करने के लिए केंद्र सरकार कर्ज लेगी. चालू वित्त वर्ष 2021-22 की दूसरी छमाही में सरकार 5.03 लाख करोड़ का कर्ज लेगी. वित्त मंत्रालय ने सोमवार को इसकी जानकारी दी. मंत्रालय ने कहा कि महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए सरकार कर्ज ले रही है.
चालू वित्त वर्ष में सरकार कुल 12.05 करोड़ लेगी कर्ज
आपको बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने फरवरी में बजट पेश किया था. बजट में यह अनुमान लगाया है कि चालू वित्त वर्ष के लिए सरकार 12.05 लाख करोड़ रुपये कर्ज लेगी. वहीं शुद्ध कर्ज 9.37 लाख करोड़ रहने का अनुमान है. सकल ऋण में पुराने कर्ज का भुगतान भी शामिल होता है. अगले वित्त वर्ष में पुराने ऋण का भुगतान 2.80 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है.
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पहली छमाही में सरकार ने लिया था 7.02 लाख करोड़ कर्ज
मंत्रालय ने बयान में कहा कि 12.05 लाख करोड़ में से 60 फीसदी कर्ज पहली छमाही में जुटायी गयी थी. चालू वित्त वर्ष में सरकार ने बांड जारी करके 7.02 लाख करोड़ जुटाये हैं. अब सरकार दूसरी छमाही में बची हुई 40 फीसदी कर्ज जुटायेगी. इसके योजना के तहत सरकार 5.03 लाख करोड़ रुपये का कर्ज लेगी.
पैसे जुटाकर राजकोषीय घाटे का वित्तपोषण करती है सरकार
आपको बता दें कि सरकार सिक्योरिटीज और ट्रेजरी बिल के जरिये बाजार से पैसे जुटाकर राजकोषीय घाटे का वित्तपोषण करती है. बजट में अनुमान लगाया गया है कि अगले वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा 6.8 फीसदी रहेगी. वहीं चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा जीडीपी का 9 फीसदी रहने का अनुमान है. पिछले वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा जीडीपी का 9.5 फीसदी था.
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