NewDelhi : खबर है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 25 भाजपा नेताओं को केंद्रीय सुरक्षा मुहैया करायी है. इनमें अधिकतर नेता पंजाब और उत्तर प्रदेश के हैं. बता दें कि जिन नेताओं को केंद्रीय सुरक्षा दी गयी है, उनमें केंद्रीय राज्य मंत्री एसपीएस बघेल का भी नाम है, जो मैनपुरी में करहल विधानसभा सीट से सपा प्रमुख अखिलेश यादव के खिलाफ ताल ठोक रहे हैं.
एसपीएस बघेल को CISF) की Z-श्रेणी की सुरक्षा मिली
एसपीएस बघेल को केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) की Z-श्रेणी की सुरक्षा मिली है. सूत्रों के अनुसार उन्हें पहले वाई-श्रेणी की सुरक्षा मिली हुई थी. लेकिन मैनपुरी में उनके काफिले पर पथराव के बाद केंद्र ने उनकी सुरक्षा बढ़ाने दी है. इसके अलावा उत्तर प्रदेश के भदोही से भाजपा सांसद रमेश चंद बिंद को चुनाव तक एक्स-श्रेणी का सीआईएसएफ कवर मिला है. इसी क्रम में दिल्ली के सांसद हंस राज हंस को पंजाब दौरे के लिए जेड-श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की गयी है.
कई भाजपा नेताओं को सीआरपीएफ की वाई और वाई-प्लस श्रेणी की सुरक्षा
कई भाजपा नेता हैं, जिन्हें चुनाव तक केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की वाई और वाई-प्लस श्रेणी की सुरक्षा दी गयी. इन नेताओं में मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की पूर्व सहयोगी निमिषा मेहता, अवतार सिंह जीरा, सरदार दीदार सिंह भट्टी, सरदार कंवर वीर सिंह तोहरा, सरदार गुरप्रीत सिंह भट्टी, सरदार हरिओत कमल, सुखविंदर सिंह बिंद्रा और परमिंदर सिंह ढींडसा का नाम भी शामिल है.
मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि चुनाव के दौरान उनकी जान को खतरा होने की खुफिया ब्यूरो की रिपोर्ट के बाद सुरक्षा कवर दिया गया है. सूत्र बताते हैं कि पंजाब में जिन नेताओं को सुरक्षा दी गयी है उनमें से कई नेता हाल ही में भाजपा में शामिल हुए हैं. एक अधिकारी ने कहा, उनमें से एक ने तो केंद्र को पत्र लिखकर अपनी जान को खतरा होने का दावा करते हुए केंद्रीय सुरक्षा मांगी थी.
केंद्र सरकार जेड-श्रेणी की सुरक्षा के जरिए नेताओं को चुनावी लॉलीपॉप दे रही है
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार कांग्रेस ने इस कदम की आलोचना की है. कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख रणदीप सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार जेड-श्रेणी की सुरक्षा के जरिए नेताओं को चुनावी लॉलीपॉप दे रही है. यह स्टेटस सिंबल बन गया है. यह डराने-धमकाने का एक उपकरण है. उन्होंने कहा कि इस देश की हर संस्था पहले से ही कुचली हुई है.
चुनावों के बीच में जेड-श्रेणी की सुरक्षा जैसी खुली और नग्न रणनीति का उपयोग लोगों के बीच भय और डर पैदा करने के उद्देश्य से किया जाता है. इसे स्टेटस सिंबल के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है. यह लोकतंत्र के लिए एक अपमान के अलावा और कुछ नहीं है.
पिछले साल पश्चिम बंगाल चुनावों के दौरान इसी तरह केंद्र ने राज्य में एक दर्जन से अधिक भाजपा उम्मीदवारों और राजनेताओं को केंद्रीय सुरक्षा कवर प्रदान किया था. उनमें टीएमसी से भाजपा में आये सुवेंदु अधिकारी भी थे.