- तीन बैच के 1200 विद्यार्थियों को मिली डिग्रियां, 180 विद्यार्थियों को मेडल
- उल्लेखनीय कार्य करने वाले 25 विद्यार्थियों को राज्यपाल ने मेडल सौंपा
Ranchi : साईंनाथ विश्वविद्यालय के 8वें दीक्षांत समारोह में राज्यपाल रमेश बैस ने मंगलवार को कहा कि शिक्षण संस्थान रोजगार के संबंधित पाठ्यक्रम में शामिल करें और समय- समय पर औद्योगिक संस्थानों से सलाह लेते रहें. स्वामी विवेकानंद ने कहा है कि हर आदमी का एक लक्ष्य होना बहुत जरूरी है. हर व्यक्ति को शिक्षित होना जरूरी है. शिक्षा से ही मनुष्य का विकास होता है. जीवन में शिक्षा बहुत जरूरी है. शिक्षण संस्थानों को विद्यार्थियों के विकास की दिशा में ध्यान देना आवश्यक है. विश्वविद्यालयों में विद्यार्थियों का संपूर्ण विकास होना चाहिए. इसकी जिम्मेदारी विश्वविद्यालय और शिक्षकों का है. नई शिक्षा नीति को लागू करें. उन्होंने कहा यहां से डिग्री पाकर जा रहे विद्यार्थियों को ढेर सारी शुभकामनाएं. मुझे बताया गया कि इस विश्वविद्यालय से दो बच्चियों ने न्यायिक सेवा में क्वालिफाई किया है. विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने कृषि के क्षेत्र में भी अपना योगदान दिया है.
विद्यार्थियों में हमेशा सीखने की लालसा होनी चाहिए : विधानसभा अध्यक्ष
झारखंड विधानसभा अध्यक्ष रविंद्रनाथ महतो ने कहा कि साईंनाथ विश्वविद्यालय द्वारा विद्यार्थियों के अंदर की क्षमता और उनके व्यक्तित्व विकास के लिए सराहनीय कार्य किया जा रहा है. ये उपलब्धियां कुशल नेतृत्व और शैक्षणिक और गैर शैक्षणिक कर्मियों के अथक परिश्रम का प्रतिफल है. उन्होंने कहा कि आपके अंदर हमेशा सीखने की इच्छा और लालसा होनी चाहिए. अपने ज्ञान का उपयोग करते हुए अपने कर्मों से स्वयं के साथ-साथ समाज का भी नाम रौशन करें, क्योंकि यह आपका एक सामाजिक दायित्व है.
अवसर को उपलब्धियों में बदला जाए – बन्ना गुप्ता
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि उच्च शिक्षा के माध्यम से उच्च कोटि का व्यक्तित्व निर्माण करने में साईंनाथ विश्वविद्यालय महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रतिभा, संकल्प और परिश्रम का बड़ा योगदान होता है. उन्होंने कहा कि तकनीक के बल पर लोगों की तरक्की का रास्ता खोजें. रोजगार व पलायन की समस्या को यहां उपलब्ध अपार संसाधनों के जरिए अवसर को उपलब्धियों में बदला जाए.
विद्यार्थियों के संपूर्ण विकास के लिए सदैव तत्पर : कुलपति
साईंनाथ विश्वविद्यालय के कुलपति सीपी अग्रवाल ने कहा कि हम विद्यार्थियों के संपूर्ण विकास के लिए सदैव तत्पर हैं. हमारा प्रयास है कि हमारे विद्यार्थी समाज की समृद्धि और देश के विकास में योगदान कर सकें. विश्वविद्यालय की पूरी टीम की कोशिश है कि हमारे विद्यार्थी देश और दुनिया के जिस भी जगह रहें, अपने विवेक, ज्ञान, कौशल और शिक्षा से विश्वविद्यालय एवं अपने परिवार का नाम रौशन करें. शिक्षा की यात्रा कभी समाप्त नहीं होती.
180 विद्यार्थियों को मेडल दिए गए
इससे पहले दीक्षांत समारोह में विभिन्न विषयों के 180 विद्यार्थियों को मेडल दिए गए. इनमें 60 गोल्ड, 60 रजत और 60 कांस्य पदक शामिल हैं. वहीं विश्वविद्यालय में उल्लेखनीय कार्य करने वाले 25 विद्यार्थियों को राज्यपाल ने मेडल सौंपा. समारोह में विभिन्न विषयों के तीन बैच के 1200 विद्यार्थियों को डिग्री सौंपी गयी. कार्यक्रम में मुख्य रूप से डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ तपन कुमार शांडिल्य, झारखंड ओपन विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ टीएन साहु, बीबीएमकेयू धनबाद के पूर्व कुलपति डॉ अंजनी कुमार श्रीवास्तव और जैक अध्यक्ष डॉ एके महतो उपस्थित रहे.
जब ठहाके से गूंज उठा हॉल
राज्यपाल रमेश बैस ने अपने संबोधन में जब कहा कि- मंच पर उपस्थित बिना डिग्री के डॉक्टर स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, तो कार्यक्रम स्थल ठहाके से गुूंज उठा. दरअसल राज्यपाल के भाषण से पहले बन्ना गुप्ता ने अपने भाषण में कहा था- विधानसभा अध्यक्ष बीएड किए हैं, शिक्षक बनने के लिए बीएड चाहिए, प्रोफेसर बनने के लिए एमएड चाहिए, लेकिन शिक्षा मंत्री और स्वास्थ्य मंत्री के लिए पढ़ा- लिखा होना जरूरी नहीं.
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