LagatarDesk : रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही है. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने अनिल अंबानी को नोटिस भेजा है. अनिल अंबानी पर 420 करोड़ की टैक्स चोरी का आरोप है. रिपोर्ट्स के अनुसार, यह टैक्स स्विट्जरलैंड के दो बैंक खातों में रखे गये 814 करोड़ रुपये से अधिक की अघोषित संपत्ति से जुड़ा है. (पढ़ें, मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना : 50,000 रुपये से अधिक के लोन पर मुखिया, पंचायत सचिव, जनप्रतिनिधि और बिजनेस एस्सेट्स भी बनेंगे गारंटर)
अनिल अंबानी ने अधिकारियों को जानबूझ कर नहीं दी जानकारी
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का आरोप है कि अनिल अंबानी ने असेसमेंट ईयर 2012-13 से लेकर 2019-20 तक विदेश में रखी अघोषित संपत्ति पर टैक्स की चोरी की है. अनिल अंबानी ने जानबूझ कर विदेश में बैंक खातों और अकाउंट में जमा रकम की जानकारी भारतीय टैक्स अथॉरिटीज को नहीं दी.
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अनिल अंबानी को 10 साल की हो सकती है सजा
विभाग ने आरोपों पर अनिल अंबानी से 31 अगस्त तक जवाब मांगा है. अगर अनिल अंबानी ने जवाब नहीं दिया तो ब्लैक मनी इम्पोजिशन ऑफ टैक्स एक्ट 2015 के सेक्शन 50 और 51 के तहत उनपर मुकदमा चलाया जा सकता है. इसमें जुर्माने के साथ अधिकतम 10 साल की कैद की सजा का प्रावधान है.
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अनिल अंबानी के पर्सनल अकाउंट से बहामास बेस्ड ट्रस्ट को मिली फंडिंग
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की नोटिस के अनुसार, अधिकारियों ने पाया कि अंबानी बहामास बेस्ड कंपनी, डायमंड ट्रस्ट और नॉदर्न अटलांटिक ट्रेडिंग अनलिमिटेड के इकोनॉमिक कंट्रीब्यूटर और बेनेफिशियल ऑनर हैं. नॉदर्न अटलांटिक ट्रेडिंग अनलिमिटेड को ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड में रजिस्टर कराया गया है, जिसे टैक्स चोरी के लिए स्वर्ग माना जाता है. बहामास बेस्ड ट्रस्ट के मामले में डिपार्टमेंट ने पाया कि यह ड्रीमवर्क होल्डिंग्स इंक नाम से एक कंपनी चलाता है. इस कंपनी ने स्विस बैंक में एक खाता खुलवाया है. जिसमें 31 दिसंबर 2017 को 32,095,600 डॉलर जमा थे. नोटिस के अनुसार, ट्रस्ट को 25,040,422 डॉलर की इनिशियल फंडिंग मिली थी. डिपार्टमेंट का कहना है कि यह फंडिंग अनिल अंबानी के पर्सनल अकाउंट से भेजी गयी थी. अंबानी ने 2006 में ट्रस्ट को खोलने के लिए केवाईसी के दौरान अपना पासपोर्ट दिया था. इस ट्रस्ट के लाभार्थियों में उनके परिवार के लोग भी शामिल हैं.
अनिल अंबानी को देने होंगे 420 करोड़ टैक्स
वहीं ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड में जुलाई 2010 में रजिस्टर हुई कंपनी ने भी ज्यूरिख के बैंक ऑफ साइप्रस में अकाउंट खुलवाया था. डिपार्टमेंट का कहना है कि अनिल अंबानी ही इस कंपनी और कंपनी के फंड के अल्टीमेट बेनेफिशियल ऑनर हैं. इस कंपनी को साल 2012 में बहामास में रजिस्टर्ड एक कंपनी PUSA से 10 करोड़ डॉलर मिले थे. अनिल अंबानी ने ही उस फंड को सेटल किया था और उसके लाभार्थी थे. कर अधिकारियों के अनुसार, दोनों स्विस बैंक खातों में कुल जमा रकम 814 करोड़ रुपये है और इसके ऊपर 420 करोड़ रुपये की टैक्स देनदारी बनती है.
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