NewDelhi : ब्रिटेन द्वारा आगामी चार अक्टूबर से लागू किये जाने वाले नये वैक्सीन रूल पर भारत को एतराज है. खबर है कि भारत ने ब्रिटेन की विदेश सचिव से मुलाकात के क्रम में नाराजगी दर्ज कराई है. बता दें कि भारत सरकार ने मंगलवार को दोनों देशों के पारस्परिक हित को देखते हुए ब्रिटेन में कोविड-19 क्वारंटीन के मुद्दे का जल्द से जल्द समाधान निकालने की अपील की.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस मामले में ट्वीट किया. ब्रिटेन की नयी विदेश सचिव से मिलकर खुशी हुई. साल 2030 तक के रोडमैप की प्रगति पर चर्चा हुई. व्यापार के मुद्दे पर उनकी सराहना करते हुए जयशंकर ने लिखा, अफगानिस्तान और इंडो-पैसिफिक के घटनाक्रम पर विचार विमर्श हुआ. आपसी हित में क्वारंटीन के मुद्दे का शीघ्र समाधान का आग्रह किया.
Pleased to meet new UK Foreign Secretary @trussliz.
Discussed the progress of Roadmap 2030. Appreciated her contribution on the trade side.
Exchanged views on developments in Afghanistan and the Indo-Pacific.
Urged early resolution of quarantine issue in mutual interest. pic.twitter.com/pc49NS7zcw
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) September 21, 2021
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सूची में भारत का नाम नहीं है, जिनके टीकों को इंग्लैंड में मान्यता प्राप्त है
जान लें कि ब्रिटेन ने कोविड-19 जोखिम स्तर के आधार पर, देशों के लिए तय विभिन्न श्रेणियों में से अधिकतर को चार अक्टूबर से खत्म करने का फैसला किया है. लेकिन उन देशों की सूची में भारत का नाम नहीं है, जिनके टीकों को इंग्लैंड में मान्यता प्राप्त है. इसका मतलब है कि उन भारतीयों को अब भी रवाना होने से पहले पीसीआर जांच और ब्रिटेन पहुंचने पर भी आगे जांच से गुजरना होगा, जिन्होंने कोविशील्ड (सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया में तैयार ऑक्सफ़ोर्ड/एस्ट्राजेनेका टीका की खुराक ली है.
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टीका प्रमाणपत्र को लेकर भारत के साथ हो रही चर्चा
ब्रिटेन के अनुसार वह भारतीय प्राधिकारियों द्वारा जारी कोविड-19 रोधी टीकाकरण प्रमाणपत्र की स्वीकार्यता को विस्तार देने पर भारत के साथ चर्चा कर रहा है. ब्रिटेन के नये यात्रा नियमों की हो रही आलोचना को लेकर ब्रिटिश उच्चायोग के प्रवक्ता ने कहा, नये नियमों के तहत जिन भारतीय यात्रियों ने सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित कोविशील्ड टीके की दोनों खुराक ली हैं उन्हें टीका लिया हुआ नहीं माना जायेगा. उन्हें 10 दिन के लिए पृथक-वास में रहना होगा. चार अक्टूबर से लागू होने वाले नियमों को लेकर भारत में चिंताओं के बारे में पूछे जाने पर प्रवक्ता ने कहा कि ब्रिटेन इस मुद्दे पर भारत से बातचीत कर रहा है और जितनी जल्दी संभव हो सके अंतरराष्ट्रीय यात्रा को फिर से खोलने के प्रति प्रतिबद्ध है.
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शशि थरूर ने ब्रिटेन की नीति को भेदभावपूर्ण करार दिया
कांग्रेस के लोकसभा सांसद शशि थरूर ने ब्रिटेन की नीति को भेदभावपूर्ण करार देते हुए सोमवार को ऐलान किया कि वह ब्रिटेन की अपनी आगामी यात्रा वहां पर भारतीयों के लिए क्वारंटाइन रूल्स में बदलाव किये जाने के फैसले की वजह से रद्द कर रहे हैं. जान लें कि ब्रिटिश सरकार ने कहा है कि अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात, भारत, तुर्की, जॉर्डन, थाईलैंड या रूस में वैक्सीनेशन कराने वाले किसी भी व्यक्ति को अन-वैक्सीनेटेड माना जाएगा. ऐसे यात्रियों को यूनाइटेड किंगडम पहुंचने पर 10 दिनों के लिए अनिवार्य क्वारंटाइन में रहना होगा.
Because of this I have pulled out of a debate at the @cambridgeunion &out of launch events for the UK edition of my book #TheBattleOfBelonging (published there as #TheStruggleForIndiasSoul). It is offensive to ask fully vaccinated Indians to quarantine. The Brits are reviewing! https://t.co/YEVy3Ez5dj
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) September 20, 2021
भारतीयों को क्वारंटाइन के लिए कहना अपमानजनक
पूर्व केंद्रीय मंत्री थरूर ने ट्वीट किया, पूरी तरह से वैक्सीनेशन करवाने वाले भारतीयों को क्वारंटाइन के लिए कहना अपमानजनक है. शशि थरूर ने कहा, ब्रिटेन ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन का उपयोग करता है, जो खुद पुणे में सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा निर्मित है और जिसे हम कोविशील्ड नाम से ले रहे हैं.
कहा, अगर ब्रिटिश लोग एक अलग ब्रांड नाम के तहत कोविशील्ड ले रहे हैं, तो आप धरती पर कैसे कह सकते हैं कि वैक्सीनेशन का एक सेट स्वीकार कर लिया गया है और दूसरा सेट नहीं है और आपको क्वारंटीन रहना होगा. इस तरह का दोहरापन बिल्कुल असाधारण है. आईटी संसदीय स्थायी समिति के प्रमुख कांग्रेस सांसद ने कहा कि भारत में वैक्सीन प्रमाणपत्रों में क्यूआर कोड होते हैं, जिन्हें प्रमाणीकरण के उद्देश्य से विदेशी एयरपोर्ट पर अधिकारियों के साथ साझा किया जा सकता है.