NewDelhi : सुप्रीम कोर्ट के दिग्गज वकील और पूर्व सॉलिसिटर जनरल हरीश साल्वे को नरेंद्र मोदी ने बनने के बाद अपना अटॉर्नी जनरल बनने का ऑफर दिया था. यह खुलासा खुद साल्वे ने एक टीवी इंटरव्यू के दौरान किया. उन्होंने Republic TV के एडिटर इन चीफ अर्णब गोस्वामी से हुई बातचीत के क्रम में न्यायपालिका से लेकर सचिन वाजे केस सहित कई मुद्दों पर बेबाकी से अपनी राय रखी.
Club House Room Chat Leak Case को लेकर कहा
Club House Room Chat Leak Case को लेकर कहा कि लोगों के पास काम नहीं हैं. सभी ट्रेड यूनियन के साथ भी ऐसा है. कहा कि उनका समाजवाद से लेना-देना नहीं है. हरीश साल्वे के अनुसार हमने जिस प्रकार की धर्मनिरपेक्षता चलन में देखी है, उसने लोगों को निराश किया है. साल्वे ने कहा कि मैं कहता हूं कि मुझे भारत पर बहुत गर्व है.
मैं बपतिस्मा क्रिस्चियन हूं,
बताया कि मैं बपतिस्मा क्रिस्चियन हूं, पर मुझे कभी भी नहीं लगा कि मेरे साथ भेदभाव हुआ हो. पीएम द्वारा दिये गये ऑफर से जुड़ी बात पर साल्वे ने बताया, नरेंद्र मोदी जब प्रधानमंत्री बने थे, तब उन्होंने शुरुआती चीजों में जो चीजें की थीं उनमें से यह भी था कि उन्होंने कार्यालय जाने से पहले ही मुझे फोन किया कि आओ और आकर मेरे (पीएम के) अटॉर्नी जनरल बन जाओ. यह सार्वजनिक जानकारी वाली बात है. उन्होंने कभी नहीं सोचा कि मैं बपतिस्मा क्रिस्चियन हूं या फिर मैं वही इंसान हूं जो कि गुजरात दंगा केस में एमीकस क्यूरी था.
ऐसे में भारत दिल से धर्मनिरपेक्ष है, क्योंकि हिंदू दिल से धर्मनिरपेक्ष हैं. वह इसी में जोड़ते हुए आगे बोले, औसत हिंदू धर्मनिरपेक्ष हैं. मेरे पिता कहा करते थे कि भारत में धर्मनिरपेक्षता को कोई ठेस नहीं पहुंचा सकता है, क्योंकि हिंदू दिल से धर्मनिरपेक्ष हैं और 85 फीसदी भारत में हिंदू हैं. ऐसे में यह तो बेहद सुंदर देश है. मुझे नहीं पता कि आखिरकार यह चर्चा का विषय क्यों हैं.