LagatarDesk : कोरोना काल में भारती की अर्थव्यवस्था काफी प्रभावित हुई है. ऐसे में भारत का कर्ज और जीडीपी का अनुपात 90 फीसदी पर पहुंच गया है. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गयी. इससे पहले साल 2019 में भारत का डेट और जीडीपी का अनुपात 74 फीसदी था. इसके अनुपात में 16 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. आंकड़ों के अनुसार, साल 2020 में भारत का कुल जीडीपी करीब 189 लाख करोड़ रुपये और कर्ज करीब 170 लाख करोड़ रुपये था.
80 फीसदी तक पहुंच सकता है डेट-जीडीपी अनुपात
IMF के राजकोषीय मामलों के विभाग के उप निदेशक पाओलो मौरो ने कहा कि अर्थव्यवस्था में सुधार के साथ डेट रेशियो धीरे-धीरे नीचे आयेगा. IMF ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था में जिस तरह सुधार हो रहा है, इससे डेट और GDP का रेशियो घटकर 80 फीसदी तक पहुंच सकता है.
40 से 50 फीसदी होनी चाहिए डेट-जीडीपी अनुपात
विकसित देशों में कर्ज और GDP रेशियो 40 से 50 फीसदी है. साल 2014-15 में भारत का कर्ज और GDP रेशियो करीब 67 फीसदी था. IMF की प्रबंध निदेशक क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने कहा है कि दुनिया दूसरे विश्व युद्ध के बाद सबसे बड़ी वैश्विक मंदी से जूझ रही है.
क्या है डेट-जीडीपी अनुपात
डेट-GDP अनुपात, किसी देश के लोन चुकाने की क्षमता को दर्शाता है. इस तरह, जिस देश का डेट जीडीपी अनुपात जितना अधिक होगा, उसके लोन चुकाने की क्षमता कम होगी. डेट-जीडीपी अनुपात ज्यादा बढ़ने पर डिफॉल्ट की आशंका बढ़ जाती है.