NewDelhi : विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने चीनी समकक्ष वांग यी से कहा है कि भारत ने सभ्यताओं के टकराव के सिद्धांत का कभी भी समर्थन नहीं किया है. उन्होंने कहा कि भारत-चीन संबंधों के जरिए जो मिसाल कायम होगी, एशियाई एकजुटता उसी पर निर्भर करेगी. बता दें कि केंद्र सरकार ने चीफ ऑफ डिफेंस जनरल बिपिन रावत के सभ्यताओं के संघर्ष वाले बयान से किनारा कर लिया है. दुशान्बे में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन से अलग एक बैठक में एस जयशंकर वांग यी से बात कर रहे थे.
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चीन तेजी से अफगानिस्तान में अपने पैर मजबूत कर रहा है
जान लें कि एक दिन पूर्व ही जनरल रावत ने एक कार्यक्रम में सैमुअल हंटिंग्टन की पुस्तक क्लैश ऑफ सिविलाइजेशन का जिक्र करते हुए पश्चिमी सभ्यता के मुकाबले चीनी सभ्यता और इस्लामी सभ्यता के गठजोड़ की संभावना जताई थी. हालांकि इस क्रम में आगे कहा था कि ऐसा होगा या नहीं, इस बारे में समय ही बतायेगा. कहा था कि एक बात जो देखने में आ रही है है, वह यह है कि चीनी और इस्लामी सभ्यता एक दूसरे के करीब आ रही हैं. ईरान और तुर्की से नजदीकी बढ़ाने के बाद चीन तेजी से अफगानिस्तान में अपने पैर मजबूत कर रहा है. संभव है कि वह बहुत जल्द अफगानिस्तान में दखल देना भी शुरू कर दे.
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दोनों पक्षों ने अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे पर विचार साझा किये
वांग यी से बातचीत के क्रम में विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि चीन को भारत के साथ अपने संबंधों को किसी तीसरे देश के नजरिये से देखने से बचना चाहिए. खबर है कि भारत की इस बात पर चीन ने सहमति जताई. चीन-भारत के संबंधों के अपने अंतर्निहित तर्क होने का जिक्र करते हुए चीन ने कहा कि दोनों देशों के संबंध किसी तीसरे पक्ष को निशाना नहीं बनाते और ना ही किसी तीसरे पक्ष पर आधारित हैं. दोनों पक्षों ने अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद वहां के घटनाक्रमों पर भी विचार साझा किये.
सीमा क्षेत्र में तनावपूर्ण स्थिति धीरे-धीरे कम हो गयी है !
चीनी विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को उम्मीद जताई कि भारत सीमा की स्थिति को स्थिरता की ओर ले जाने के लिए आधी दूरी तय कर चीन से मुलाकात करेगा, इसे तत्काल विवाद समाधान से नियमित प्रबंधन और नियंत्रण में स्थानांतरित कर देगा. चीनी विदेश मंत्रालय ने वांग का हवाला देते हुए कहा, चीन-भारत सीमा मुद्दे का समुचित समाधान तलाशने के लिये चीन हमेशा सकारात्मक रहा है. वांग ने उल्लेख किया कि विदेशी और सैन्य विभागों के माध्यम से दोनों पक्षों के बीच हालिया संचार गंभीर और प्रभावी था. सीमा क्षेत्र में तनावपूर्ण स्थिति धीरे-धीरे कम हो गयी है.