NewDelhi : चीनी सेना द्वारा एलएसी के नजदीक 155 एमएम कैलिबर की PCL-181 सेल्फ प्रोपेल्ड हॉवित्जर तैनात किये जाने के जवाब में भारत ने वहां बोफोर्स तोपों को तैनात कर दिया है. M-777 होवित्जर और स्वीडिश बोफोर्स तोपों के अलावा L-70 एंटी-एयरक्राफ्ट गन की तैनाती किये जाने की सूचना है.
खबर है कि अरुणाचल प्रदेश में भारतीय सेना पूरे अलर्ट मोड में है. जान लें कि चीन के साथ भारत के बढ़ रहे गतिरोध के बीच बोफोर्स की तैनाती बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है. सूत्रों के अनुसार बोफोर्स तोप अरुणाचल प्रदेश में चीन से लगी अग्रिम चौकियों पर तैनात की गयी है.
न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार भारतीय सेना ने अरुणाचल प्रदेश में चीन से लगी सीमा पर अपनी निगरानी बढ़ा दी है. चीन की किसी भी चालबाजी का किसी भी समय मुंहतोड़ जवाब देने को भारतीय सेना पूरी तरह तैयार है. इसके तहत एलएसी पर अग्रिम इलाकों में बोफोर्स तोपों की तैनाती की गयी है.
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी ने हिमालय के इलाकों में पड़ने वाली कड़ाके की सर्दी की तैयारी की है. चीनी सेना ने एलएसी के नजदीक 155 एमएम कैलिबर की PCL-181 सेल्फ प्रोपेल्ड हॉवित्जर को भी तैनात किया हुआ है.
कारगिल युद्ध में सफल रही थी बोफोर्स
राजीव गांधी सरकार में बोफोर्स के विवादों को दरकिनार कर अगर कारगिल युद्ध को याद करें तो वह बोफोर्स तोप ही था जिसने कारगिल युद्ध में पाकिस्तान को धूल चटाने में भारतीय सेना की अभूतपूर्व मदद की थी. बोफोर्स तोप बेहद खतरनाक मानी जाती है. सबसे अहम यह कि यह कम तापमान पर भी बेहद कारगर है. बोफोर्स तोपें 27 किलोमीटर की दूरी तक गोले दाग सकती हैं. इनकी गिनती दुनिया के सबसे घातक तोपों में होती है.
हल्के वजन के कारण इसे युद्धभूमि में कही भी तैनात करना और यहां-वहां ले जाना आसान होता है. 155 mm लंबी बैरल वाली यह तोप एक मिनट में 10 गोले दागने की ताकत रखती है. तोप की सबसे बड़ी खासियत इसे-3 डिग्री से लेकर 70 डिग्री के ऊंचे कोण तक फायर करने की है. इस खासियत से यह तोप पहाड़ी इलाकों में बहुत उपयोगी साबित होता है.
चीन अरुणाचल प्रदेश को तिब्बत का हिस्सा मानता है
भारत ने एलएसी के पास स्थित पहाड़ों पर अपग्रेडेड L70 एंटी-एयरक्राफ्ट गन भी तैनात किये हैं. इन हथियारों में ऑटोमैटिक तरीके से अपने टारगेट पर निशाना लगाने की खासियत है. साथ ही M-777 गनों को भी तैनात किया गया है. अरुणाचल प्रदेश को लेकर चीन से भारत का विवाद पुराना है. चीन अरुणाचल प्रदेश को तिब्बत का हिस्सा मानता है और उसपर अपना गलत तरीके से हक जताता है.
भारत, चीन की इस बात का लगातार विरोध करता रहा है और अरुणचल प्रदेश भारत का अभिन्न हिस्सा रहा है. हाल ही में जब देश के उप-राष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने अरुणाचल प्रदेश का दौरा किया था तब चीन ने उस पर ऐतराज जताया था. इस पर भारत ने जोरदार ढंग से अपना विरोध दर्ज कराया था.