- औसत अधिकतम तापमान 29.54 डिग्री सेल्सियस
- मार्च में भी तापमान सामान्य से अधिक रहने की संभावना
- अप्रैल और मई में चरम पर रहेगी मौसम की स्थिति
New Delhi : भारत में 1877 के बाद से इस साल फरवरी का महीना सबसे गर्म रहा. औसत अधिकतम तापमान 29.54 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. मौसम विभाग ने इसे ‘ग्लोबल वार्मिंग’ से जोड़ते हुए मंगलवार को यह जानकारी दी. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा कि देश के अधिकतर हिस्सों में तापमान सामान्य से अधिक रहने की संभावना है, जबकि दक्षिणी प्रायद्वीप और महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों के कठोर मौसम की स्थिति से बचने की संभावना है. आईएमडी के हाइड्रोमेट और एग्रोमेट एडवाइजरी सर्विसेज के प्रमुख एससी भान ने कहा कि मार्च में लू की संभावना कम है, लेकिन देश के अधिकांश हिस्सों में अप्रैल और मई में चरम मौसम स्थिति का अनुभव हो सकता है. भान ने घटनाक्रम को ग्लोबल वार्मिंग से जोड़ते हुए कहा कि 1877 के बाद से इस साल फरवरी में मासिक औसत अधिकतम तापमान सबसे अधिक रहा. पूरी दुनिया ग्लोबल वार्मिंग के दौर में है. हम गर्म होती दुनिया में रह रहे हैं.
आने वाले महीने में और सतायेगी गर्मी
मौसम विभाग ने कहा कि मार्च में देश के अधिकांश हिस्सों में तापमान सामान्य से अधिक रहने की उम्मीद है, जबकि दक्षिणी प्रायद्वीप और महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य से कम हो सकता है. भान ने कहा कि देश भर में बारिश का औसत मार्च में सामान्य (लंबी अवधि के औसत का 83-117 प्रतिशत) रहने की संभावना है. 1971-2020 के आंकड़ों के आधार पर मार्च के दौरान पूरे देश में वर्षा का एलपीए लगभग 29.9 मिमी है. उन्होंने कहा कि उत्तर-पश्चिम भारत के अधिकांश क्षेत्रों, पश्चिम-मध्य भारत और पूर्व और पूर्वोत्तर भारत के कुछ हिस्सों में सामान्य से कम बारिश होने की उम्मीद है. प्रायद्वीपीय भारत के अधिकांश हिस्सों, पूर्व-मध्य भारत और पूर्वोत्तर भारत के कुछ अलग-थलग इलाकों में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है.
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