NewDelhi : इंडिया गेट पर प्रज्ज्वलित अमर जवान ज्योति का राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में विलय कर दिया गया है. इसे लेकर विवाद तेज है. कांग्रेस सहित विपक्ष मोदी सरकार पर हमलावर है. कांग्रेस ने इसे शहीदों का अपमान करार दिया है. जान लें कि इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति को पूर्व पीएम इंदिरा गांधी ने 1971 में रखा था. बांग्लादेश युद्ध के दौरान शहीद करीब चार हजार भारतीय सैनिकों की याद में यह ज्योति प्रज्ज्वलित की गयी थी. लेकिन खबर आयी है कि खुद इंदिरा गांधी ने भी एक स्थायी युद्ध स्मारक की बात कही थी.
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इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति का रखा जाना अस्थायी व्यवस्था थी
ऐतिहासिक स्रोत पर नजर डालें इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति का रखा जाना अस्थायी व्यवस्था थी. तब खुद इंदिरा गांधी ने देश के लिए शहीद होने वाले जवानों के सम्मान के लिए स्थायी स्मारक बनाने की जरूरत बताई थी. इंदिरा गांधी ने अमर जवान के नाम से स्मारक बनाने की बात कही थी. यह बात सामने आयी है कि उनकी सरकार में डिफेंस मिनिस्टर रहे बाबू जगजीवन राम ने एक सितंबर, 1972 को लोकसभा में एक सवाल के जवाब में कहा था कि इंडिया गेट पर रखी गयी अमर जवान ज्योति अस्थायी है और भविष्य में एक राष्ट्रीय युद्ध स्मारक की योजना है.
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स्थायी राष्ट्रीय युद्ध स्मारक के निर्माण के प्रस्ताव पर विचार चल रहा है,
बाबू जगजीवन राम ने लोकसभा में कहा था, एक अस्थायी युद्ध स्मारक अमर जवान ज्योति के साथ इंडिया गेट के पास बनाया गया है. स्वतंत्रता के बाद से अब तक देश के लिए शहीद हुए जवानों के सम्मान के लिए एक स्थायी राष्ट्रीय युद्ध स्मारक के निर्माण के प्रस्ताव पर विचार चल रहा है, इस स्मारक में 1971 के युद्ध समेत सभी जंगों में शहीद हुए जवानों के नाम अंकित किये जायेंगे. इसके अलावा उन रेजिमेंट्स और यूनिट्स के भी नाम अंकित होंगे, जिन्होंने आजादी के बाद तमाम मिलिट्री ऑपरेशंस और युद्धों में हिस्सा लिया है. इस बारे में उचित समय पर फैसला लिया जायेगा.
कांग्रेस के जूनागढ़ के सांसद ने सवाल पूछा था
बाबू जगजीवन राम ने लोकसभा में यह जवाब कांग्रेस पार्टी के ही जूनागढ़ से तत्कालीन सांसद वकारिया नानजीभाई रावजीभाई के सवाल पर दिया था. पूछा था कि क्या सरकार 1971 के युद्ध में शहीद हुए सैनिकों के नाम से कोई स्मारक बनायेगी, जिनमें उनका नाम हो और उसकी लोकेशन क्या होगी.