Lagatar Desk : आम आदमी पिछले एक साल से कोरोना से जंग लड़ रहा है. लेकिन अब उसका जीना मुहाल होता जा रहा है. लॉकडाउन के चलते पहले उद्योग-धंधे चौपट हो गये. लाखों-करोड़ों लोग अपना रोजगार खो बैठे. बेहिसाब परेशानियां उठानी पड़ीं सो अलग. अब धीरे-धीरे हालात सामान्य हो रहे हैं. लोग काम धंधों की तलाश में अपने शहर से बाहर निकलने लगे हैं. लेकिन महंगाई के तीन तरफा वार ने आम आदमी की जिंदगी को कोरोना काल से पहले के मुकाबले बहुत ज्यादा मुश्किल कर दिया है.
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आम आदमी का जीना हुआ मुहाल
पेट्रोल और डीजल की कीमतों में आग ही नहीं लगी है. वे रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच कर इतिहास रच रही हैं. एक पखवाड़े में घरेलू रसोई गैस के दाम भी 75 रुपये बढ़ गये हैं. महंगाई की मार केवल पेट्रोल-डीजल और गैस तक सीमित नहीं हैं. आम आदमी की थाली का स्वाद बिगाड़ने में खाद्य तेल भी पीछे नहीं हैं.
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तीन महीने में खाद्य तेलों के दाम में 50 रुपये की बढ़ोतरी
पिछले तीन महीने में खाद्य तेलों ने करीब 50 रुपये की छलांग लगायी है. महंगाई की मार का अंदाजा दो दिन पहले जारी आंकड़ों से लगाया जा सकता है. आंकड़े बताते हैं कि थोक महंगाई दर पिछले एक साल में रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गयी है. फरवरी में थोक महंगाई दर 2.03 फीसदी पर पहुंच गयी. यह फरवरी 2020 के बाद सर्वाधिक है.
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10 माह में करीब 20 रुपये लीटर महंगा हुआ पेट्रोल-डीजल
कोरोना काल में महंगाई की मार का अंदाजा लगाना हो तो पेट्रोल-डीजल की कीमतें देखें. दिल्ली में कोरोना आने के पहले पेट्रोल 68-69 रुपये प्रति लीटर था. आज 88-89 रुपये के आसपास है. डीजल ऐतिहासिक ऊंचाई पर है. दिल्ली में नये साल के पहले दिन डीजल 73.88 पैसे प्रति लीटर था. आज 79.74 रुपये प्रति लीटर है. पिछले छह महीने में डीजल के दाम 10 रुपये से ज्यादा बढ़े हैं.
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200 रुपये बढ़ाया गया रसोई गैस का दाम
ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने तेल के साथ गैस को भी महंगा कर दिया है. अभी दिल्ली में रसोई गैस का सिलेंडर 769 रुपये में बिक रहा है. मई 2020 में इसकी कीमत 581 रुपये थी. यानी 10 महीने में यह लगभग 200 रुपये महंगा हो चुका है. पिछले 15 दिन में सब्सिडी वाले रसोई गैस सिलेंडर के दाम में करीब 75 रुपये की बढ़ोतरी हुई है.
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कमाई घटती गयी, महंगाई बढ़ती गयी
महामारी के नौकरियां छिनीं. रोजगार के अवसर घटे और तनख्वाह में कमी आयी. लेकिन महंगाई कभी कम नहीं हुई. बल्कि यब तकरीबन दोगुनी हो गयी. खुदरा बाजार में खाद्य तेलों के दाम पिछले साल की तुलना में डेढ़ गुना बढ़ गये हैं. इसकी मुख्य वजह कम उत्पादन के साथ डीजल के दामों में लगातार बढोतरी के साथ ट्रांसपोर्ट शुल्क का बढ़ना है.
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खाद्य तेलों के दाम में भारी उछाल
जो ब्रांडेड सोयाबीन तेल पिछले साल दिल्ली में 90-95 रुपये प्रति लीटर बिकता था, आज 130-135 रुपये है. ब्रांडेड सरसों का तेल पिछले साल 95 से 105 रुपये था. अब 150-160 रुपये प्रति लीटर की दर से अधिक बिक रहा है.
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