Saurav Shukla
Ranchi: देश के कई राज्यों में इन्फ्लुएंजा (H3N2) वायरस फैल रहा है. यह नाक, गले और फेफड़ों को संक्रमित करता है. हाल के दिनों में इस वायरस का प्रसार व्यापक रूप से हुआ है. अस्पतालों में फ्लू के मरीजों की संख्या बढ़ी है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने राज्यों को बढ़ते संक्रमण को लेकर सतर्कता और लगातार निगरानी करने का निर्देश दिया है. वहीं केंद्र सरकार ने इन्फ्लूएंजा के बढ़ते मामले को लेकर एडवाइजरी भी जारी की है. इधर, राज्य के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह ने सभी जिलों के उपायुक्तों को अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया है. लोगों से खांसते और छींकते समय नाक-मुंह को ढकने की अपील की गई है. साथ ही सार्वजनिक जगहों पर मास्क पहनने और बार-बार आंख, नाक को छूने से बचने की सलाह दी गई है. सभी जिलों के अस्पतालों में बेड, दवा, मेडिकल ऑक्सीजन और अन्य संसाधनों की व्यवस्था रखने के भी निर्देश दिए गए हैं.
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झारखंड में जांच की रफ्तार धीमी
इधर, आईडीएसपी सेल से मिली जानकारी के मुताबिक, राज्य में H3N2 के पांच पॉजिटिव मरीज हैं. इनमें जमशेदपुर में चार जबकि रांची में एक मरीज इस वायरस के चपेट में है. लेकिन झारखंड में इन्फ्लूएंजा जांच की रफ्तार धीमी है. इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 11 मार्च को जारी एडवाइजरी के बाद जमशेदपुर में 20 सैंपलों की हुई. जिनमें से चार में इन्फ्लूएंजा की पुष्टि हुई है. वहीं रांची के रिम्स में जांच कीट आने के बाद महज छह लोगों की ही इन्फ्लूएंजा की जांच की गई है. अस्पतालों के ओपीडी में सर्दी-खांसी और जुकाम के मरीजों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है. ऐसे में सवाल उठता है कि यदि जांच की रफ्तार बढ़ी तो H3N2 वायरस की चपेट में आने वाले मरीजों की संख्या भी बढ़ेगी. लेकिन जांच की रफ्तार कम है. जिस कारण संक्रमण का पता नहीं चल रहा है.
क्या कहते हैं हेल्थ एक्सपर्ट
रिम्स माइक्रोबायोलॉजी विभाग के एचओडी डॉ अशोक कुमार शर्मा ने कहा कि इन्फ्लूएंजा का वैरिएंट बदल रहा है. H1N1 वायरस का म्यूटेशन होकर H1N2 हो गया है, और यही वायरस का एक बार फिर से म्यूटेशन कर H3N2 हो गया है. यह काफी खतरनाक है और इसका मॉर्टलिटी रेट (मृत्यु दर) भी ज्यादा है. यह सभी इन्फ्लूएंजा की कैटेगरी-ए है. इसका म्यूटेशन H18N11 तक होने की उम्मीद है.
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जनवरी से मार्च और मानसून के बाद बढ़ते हैं मामले
वहीं राज्य सरकार द्वारा जारी एडवाइजरी के मुताबिक, इंन्फ्लूएंजा के मामले जनवरी से लेकर मार्च और मानसून के बाद बढ़ने की उम्मीद रहती है. इसे ध्यान में रखते हुए सभी जिलों को निगरानी और सतर्कता बढ़ाने का निर्देश दिया गया है. लेकिन इसका असर राजधानी में बिल्कुल भी देखने को नहीं मिल रहा है.
अस्पतालों में न तो मास्क ना ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन
वहीं लगातार.इन(शुभम संदेश) ने शहर व अस्पतालों की पड़ताल की. जहां से यह सच सामने आया कि न तो अस्पताल और ना ही बाजारों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो रहा है. रिम्स के ओपीडी में इलाज के लिए आने वाले मरीज न तो मास्क लगाया है और ना ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं.
कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों को ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत
स्वास्थ्य विभाग ने कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों में इस फ्लू के ज्यादा खतरे को देखते हुए उन्हें भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में जाने से बचने की सलाह दी है. खासकर अस्थमा और लंग इन्फेक्शन से ग्रस्त मरीजों, बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और बच्चों को इस संक्रमण से बचाव को लेकर ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है.