Vinit Upadhyay
Ranchi : रांची सिविल कोर्ट ने सूरज कुमार सोनी को हत्या के आरोप से बरी कर दिया है. नगड़ी थाना से जुड़े कांड संख्या 157/21 में सूरज कुमार को विमल कुमार महतो की हत्या का आरोपी बनाया गया था. करीब 19 महीने तक सूरज को उस जुर्म के लिए जेल में रहना पड़ा, जो उसने किया ही नहीं था. रांची सिविल कोर्ट के अपर न्यायायुक्त 15 दिनेश कुमार की कोर्ट में इस केस का ट्रायल हुआ. अभियोजन पक्ष की ओर से 11 गवाह पेश किए गए. जिन पुलिस अधिकारियों ने सूरज को गिरफ्तार किया था, उन्होंने अपनी गवाही में कहा कि ये वह युवक नहीं हैं, जो अमित की हत्या का आरोपी है. सूरज की ओर से अधिवक्ता राहुल पांडेय और राकेश तिवारी ने बहस की. कोर्ट के आदेश के बाद अब सवाल ये उठता है कि सूरज को बेगुनाह होते हुए भी जेल भेजने वाले पुलिस अधिकारियों पर कब कार्रवाई होगी और सूरज ने जो 19 महीने जेल में गुजारे, उसकी भरपाई कौन करेगा. सबसे आश्चर्य की बात यह है कि जो व्यक्ति इस केस में आरोपी है, वह अब तक फरार है.
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मृतक के भाई के आवेदन से हुआ खुलासा
बता दें कि इस मामले में पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठ चुके हैं. पुलिस ने हत्या के मामले में नामजद आरोपी को पकड़ कर छोड़ दिया और उसी नाम के निर्दोष युवक को जेल भेज दिया. जहां बीते नौ सितंबर 2021 को विमल महतो की हत्या कर दी गई थी. इस मामले में नगड़ी थाना की पुलिस ने बीते 12 अक्टूबर 2021 को कल्लू उर्फ सूरज सोनी के बदले दूसरे युवक सूरज सोनी और एक अन्य युवक को जेल भेज दिया था.
मृतक विमल महतो के भाई ने बीते 6 मई 2022 को कोर्ट में शपथ पर बयान दिया है कि यह बात सही है कि वर्तमान में जेल में बंद सूरज सोनी के खिलाफ पुलिस में आवेदन नहीं दिया था. लेकिन मैंने कल्लू उर्फ सूरज सोनी जिसके पिता का नाम कार्तिक सोनी है और वह गुमला का रहने वाला है. उसके खिलाफ आवेदन दिया था. मैंने घटनास्थल पर उसी को देखा था. कल्लू उर्फ सूरज सोनी वर्तमान में एक रेस्टोरेंट में काम करता है और यह बात सही है कि मेरे लिखित आवेदन पर पुलिस के द्वारा कल्लू उर्फ सूरज सोनी को हाजत में रखा गया था और पांच दिन बाद पुलिस द्वारा छोड़ दिया गया और उसकी जगह पर दूसरे सूरज सोनी को जेल भेज दिया गया.
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