Saurav Singh
Ranchi : राज्य में तीन साल से जमे इंस्पेक्टर और सब इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारियों का भी तबादला होना है. झारखंड पुलिस मुख्यालय के स्तर पर तबादलों की तैयारी पूरी कर ली गई है. लेकिन एडीजी मुख्यालय के नहीं होने की वजह से बोर्ड की बैठक नहीं हो पा रही है. जिस वजह से साल 2018 बैच के दो हजार से अधिक सब इंस्पेक्टर के साथ-साथ कुल तीन हजार से अधिक दारोगा व इंस्पेक्टर स्तर के पुलिस पदाधिकारी का तबादला नहीं हो पा रहा है. गौरतलब है कि निर्वाचन आयोग के आदेश के मुताबिक, राज्य के वैसे पदाधिकारियों का तबादला होना है, जो एक ही जगहों पर तीन साल या उससे अधिक अवधि से जमे हुए हैं. आयोग ने 30 जून 2024 डेडलाइन तय की है.
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तबादला में देरी होने से विधि व्यवस्था पर देखने को मिलेगा असर
इतने भारी पैमाने पर पुलिसकर्मियों के देर से तबादला होने का असर जिलों की पुलिसिंग पर पड़ेगा. वर्तमान में जिस जिले में जो पुलिस अधिकारी पदस्थापित हैं. उन्हें लग रहा है कि उनका अब तबादला होना ही है, तो इस वजह से वह अपने काम पर सही से ध्यान नहीं दे रहे हैं. वहीं देरी से तबादला होने पर जो नए पुलिस पदाधिकारी जिले में आएंगे, उन्हें जिलों में नक्सल अभियान के लिए सूचनाएं जुटाने और आपराधिक गतिविधियों को लेकर भी लगाम लगाना चुनौती जैसी होगी. जिलों में नए तैनात होने वाले पुलिस अफसरों को सूचना तंत्र बनाने की भी चुनौती होगी. यही वजह है कि कई जिलों के एसपी अपनी चिंता राज्य पुलिस मुख्यालय में भी जाहिर कर चुके हैं.
DSP रैंक के अधिकारियों के तबादला के लिए हुई बोर्ड की बैठक
राज्य में तीन साल से जमे डीएसपी स्तर के अधिकारियों का भी तबादला होना है. इसे लेकर मंगलवार को बोर्ड की बैठक हो गई. अब जल्द ही तीन साल से जमे डीएसपी स्तर के अधिकारियों का ट्रांसफर-पोस्टिंग का लिस्ट जारी किया जाएगा. वहीं डीएसपी रैंक में 93 नवप्रोन्नत हुए अफसरों की भी पोस्टिंग होनी है. राज्य सरकार की ओर से 150 से अधिक डीएसपी की ट्रांसफर-पोस्टिंग की जानी है. वहीं राज्य में तकरीबन दो दर्जन जगहों पर डीएसपी स्तर के पदाधिकारियों का पद रिक्त है.
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