Vinit Upadhyay
Ranchi: वर्ष 2016 और 2017 में किसानों ने अपनी फसल का बीमा कराया. लेकिन मौसम की मार झेलने वाले किसानों को बीमा राशि का भुगतान नहीं हो पाया. किसान बीमा राशि के भुगतान और क्षतिपूर्ति के लिए अब कोर्ट का चक्कर लगाने को मजबूर हैं. दरअसल झारखंड के चतरा जिले के हजारों किसानों ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत अपनी फसल का बीमा करवाया था.
ताकि फसल खराब होने की स्थिति में उन्हें आर्थिक मार न झेलनी पड़े.लेकिन अब करीब 4 वर्ष बीत जाने के बाद भी क्षतिपूर्ति राशि का भुगतान नहीं हो पाया है. परेशान किसानों ने अपनी क्षतिपूर्ति राशि के भुगतान के लिए झारखंड हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. हाइकोर्ट में पिछले दिनों हुई सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने एफिडेविट दायर किया.
सरकार ने अदालत को बताया कि किसानों की ओर से मांगी जा रही बीमित राशि का भुगतान इंश्योरेंस कंपनी को करना था. लेकिन कंपनी अब पैसे देने से इंकार कर रही है. और इसके लिए राज्य सरकार ने 6 मार्च 2019 को पत्र लिखकर मामले के समाधान के लिए मार्गदर्शन मांगा है.
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रघुवर सरकार ने झारखंड में लागू की थी योजना
झारखंड हाकोर्ट के अधिवक्ता अनूप अग्रवाल के मुताबिक, चतरा जिले के किसानों ने वर्ष 2016 में लगभग 207 करोड़ रूपये और वर्ष 2017 में करीब 176 करोड़ रूपये का फसल बीमा करवाया. दोनों वर्षों में चतरा जिले में फसल की पैदावार अच्छी नहीं हुई. और जब बीमा का प्रीमियम भरने वाले किसानों ने राशि क्लेम की. तो उन्हें सिर्फ आश्वासन मिला.
जिसके बाद तंग आकर किसानों ने हाइकोर्ट में 2018 में WP/6801/18 दायर कर अदालत की शरण ले ली. केंद्र
सरकार की ओर से शुरू की गयी इस योजना को तत्कालीन रघुवर सरकार ने झारखंड में लागू किया था. और फसल के बीमा का जिम्मा दो इंशोयरेंस कंपनियों इफ्को टोक्यो जेनरल इंशोयरेंस और ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी को मिला था. लेकिन अब तक किसानों को बीमित राशि का भुगतान नहीं हुआ है.
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साल 2017 में किसानों ने कराया था बीमा
वर्ष 2017 में सिर्फ चतरा जिले के किसानों ने 207 करोड़ रूपये की फसल बीमा करवाया था. जिसका 25 प्रतिशत लगभग 52 करोड़ रूपये किसानों के मुताबिक उन्हें मिलना चाहिए. जबकि वर्ष 2018 में 176 करोड़ रूपये का फसल बीमा करवाने के बाद लगभग 44 करोड़ रूपये का क्लेम किसान कर रहे हैं.
लेकिन उन्हें उनकी फसल की क्षतिपूर्ति राशि मिलेगी भी या नहीं, ये अब तक स्पष्ट नहीं हो पाया है. बहरहाल हाइकोर्ट ने इसे महत्वपूर्ण मामला बताते हुए सरकार को शपथ पत्र दायर करने का निर्देश दिया है. बता दें कि राज्य के लाखों किसानों ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत अपनी फसल का बीमा कराया था. लेकिन फसल खराब होने के बाद अब किसान क्षतिपूर्ति राशि के भुगतान की आस लिए बैठे हैं.
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