London : अंतरराष्ट्रीय आपराधिक पुलिस संगठन (इंटरपोल (Interpol) का कहना है कि वैश्विक महामारी कोरोना वायरस की लहर कई देशों में फिर से दस्तक दे रही है. जिस देश में कोरोना फैल रहा है, वहां की सरकारी मशीनरी अपने लोगों को कोरोना संक्रमण से बचाने में व्यस्त है. इसका फायदा उठाकर कुछ आपराधिक प्रवृत्ति के संगठन या व्यक्तियों द्वारा कोरोना संक्रमण का उपयोग लोगों में दहशत पैदा करने के लिए किया जा सकता है.
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भारत की जांच एजेंसियों को भी किया सतर्क
Interpol ने दुनिया भर की सुरक्षा एजेंसियों को चेतावनी दी है कि वे सावधानी बरतें और कोविड -19 से संक्रमित दस्तावेजों को लेकर सतर्क रहें. इंटरपोल ने कहा है कि कोविड संक्रमित चिट्ठियों या दस्तावेजों के जरिए राजनीतिक शख्सियतों को निशाना बनाया जा सकता है. हाल ही में जारी की गई गाइडलाइंस के अनुसार इंटरपोल ने दुनिया के अन्य देशों समेत भारत की जांच एजेंसियों को भी चेतावनी दी है, जिसमें विभिन्न कार्य-प्रणाली के आधार पर निगरानी बढ़ाने पर विचार किया गया है.
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Interpol ने जारी की गाइडलाइंस
इंटरपोल ने हाल ही में चेतावनी दी है कि राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और वैश्विक नेताओं को निशाना बनाकर कोरोना संक्रमित चिट्ठी भेजी जा सकती है. इस साजिश से बेहद सतर्क रहने की आवश्यकता है. इंटरपोल के मुताबिक, दुनिया के शीर्ष नेताओं और दिग्गज लोगों को कोरोना संक्रमित करने की साजिश रची जा रही है. इंटरपोल ने दुनियाभर की एजेंसियों को आगाह किया है कि राजनेताओं और बड़ी शख्सियतों को कोरोना से संक्रमित पत्र भेजे जा सकते हैं. इंटरपोल की गाइडलाइंस के अनुसार जांच एजेंसियों के अधिकारियों, डॉक्टर्स और एशेंसियल वर्कर्स को डराने के लिए उनके चेहरे पर खांसने और थूकने के उदाहरण सामने आए है. अगर ऐसा करने वाला कोविड संक्रमित है तो इससे खतरा और बढ़ सकता है. इसमें कहा गया है कि सतहों और वस्तुओं पर थूकने और खांसने से जानबूझकर संक्रमण फैलाने के प्रयास की सूचना मिली है. कुछ कोविड -19 संक्रमित चिट्ठियां मिली हैं जिनसे राजनीतिक शख्सियतों को निशाना बनाया जा सकता है.
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