Hazaribagh : झारखंड के बहुचर्चित माहेश्वरी परिवार के छह लोगों की संदिग्ध मौत की जांच एक बार फिर शुरू कर दी गई है. पिछले दिनों सीआईडी ने अपनी जांच रिपोर्ट कोर्ट में प्रस्तुत की थी. जिस रिपोर्ट पर परिवार वालों ने आपत्ति जाहिर की थी. फिर से झारखंड हाई कोर्ट के आदेश पर माहेश्वरी परिवार के 6 लोगों की मौत मामले की जांच शुरू हो गई है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार 14 सदस्यीय एसआईटी की टीम ने उस फ्लैट को खोला और जांच की, जहां माहेश्वरी परिवार के छह लोगों की संदिग्ध अवस्था में लाश बरामद हुई थी. करीब दो घंटे तक वहां जांच की गई. माहेश्वरी परिवार के ही एक सदस्य ने इसकी जानकारी साझा की है. बुधवार को 1:45 बजे थाने से गये एक कर्मी ने माहेश्वरी परिवार को जानकारी दी थी कि 2:00 बजे फिर से एसआईटी की टीम फ्लैट पर आने वाली है. 2:00 बजे ठीक टीम वहां पहुंची. फ्लैट का ताला खोला गया और जांच शुरू की गई. 3 बजकर 50 मिनट तक पदाधिकारी फ्लैट के अंदर ही रहे. यह भी जानकारी मिली है कि जनवरी महीने तक पूरी जांच रिपोर्ट हाई कोर्ट में प्रस्तुत करनी है.
उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल के डीआईजी को एसआईटी गठित कर जांच का निर्देश
उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल के डीआईजी को एसआईटी गठित कर जांच का निर्देश दिया था. जिसके बाद टीम गठित कर जांच भी शुरू कर दी गई है. हाई कोर्ट के निर्देश पर डीजीपी ने कार्यालय झापांक 4388, विधि, दिनांक सात नवंबर 23 को पत्र जारी कर डीआईजी, उत्तरी छोटानागपुर क्षेत्र हजारीबाग को मामले के अनुसंधान के लिए एसआईटी गठित करने का निर्देश दिया था. डीआईजी हजारीबाग ने अपने कार्यालय आदेश ज्ञापांक 2854 दिनांक आठ नवंबर के माध्यम से एसआईटी गठित करते हुए हजारीबाग सदर थाना कांड संख्या 346 वर्ष 2018 के अनुसंधान का फिर से निर्देश दिया है. उल्लेखनीय है कि हजारीबाग सदर थाना कांड संख्या-346/2018 से संबंधित डब्ल्यू०पी० ( क्रि०) संख्या-394 / 2018 राजेश कुमार माहेश्वरी बनाम झारखंड राज्य एवं अन्य में उच्च न्यायालय, झारखंड ने 28 अगस्त को पारित न्यायादेश में उक्त कांड का नये सिरे से अनुसंधान किये जाने के लिए निर्देशित किया है. जिसके आलोक में एसआईटी में पुलिस पदाधिकारी को शामिल किया गया है. इसमें नौशाद आलम, एसडीपीओ, बगोदर सरिया, गिरिडीह, महेश प्रजापति, एसडीपीओ, सदर, हजारीबाग थाना प्रभारी, सदर थाना, हजारीबाग, पुलिस अवर निरीक्षक नीतीश कुमार, थाना प्रभारी बगोदर, गिरिडीह, वर्षा रानी, थाना प्रभारी, महिला थाना, हजारीबाग, तकनीकी शाखा, हजारीबाग में प्रतिनियुक्त पदाधिकारी एवं कर्मी को शामिल किया गया है.
मामले के अनुसंधान के लिए 13 नवंबर को एसआईटी की बैठक हो चुकी है. बैठक में सदर थाना पुलिस ने सीआईडी को घटना का कोई भी फुटजे नहीं दिया. इस पर चर्चा हुई. एसआईटी में शामिल अधिकारियों ने यह सवाल उठाया कि सीआईडी ने कोर्ट के समक्ष सिर्फ वही दस्तावेज प्रस्तुत किया, जो इन्होंने डमी बॉडी के साथ जांच किया था. वही फोटो कोर्ट में दिया गया. यह सवाल उठाया गया कि जिस दिन घटना हुई थी. उस दिन उमेश साव के घर में पांच लोग आए थे. इनका नाम केस डायरी में दर्ज नहीं है. इसके अलावा सदर थाना ने कोई भी कॉल ट्रैक की जानकारी नहीं दी है. बैठक के बाद हजारीबाग जांच करने के लिए गिरिडीह से डीएसपी नौशाद और इंस्पेक्टर पहुंचे थे. डीएसपी के साथ एसआईटी की टीम घटनास्थल पर पहुंच कर सभी वारदात से रू-ब-रू हुई. जांच के समय माहेश्वरी परिवार के राजकुमार माहेश्वरी, राजेश माहेश्वरी अन्य उपस्थित थे. परिजनों ने भी सदर पुलिस की जांच पर सवाल उठाया है.
हजारीबाग के माहेश्वरी परिवार के छह सदस्यों की मौत की जांच का आदेश सीबीआई को हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी ने दिया था. इससे याचिकाकर्ता और माहेश्वरी परिवार के भतीजे राजेश माहेश्वरी ने राहत की सांस ली थी. वह पिछले पांच साल से इसके लिए प्रयासरत थे. उन्होंने इसके लिए मानवाधिकार आयोग, पीएमओ, विधायक सरयू राय, माहेश्वरी समाज और हाई कोर्ट तक का दरवाजा खटखटाया था. 15 जुलाई 2018 को महावीर माहेश्वरी के भाई सांवरमल माहेश्वरी के बयान पर सदर थाने में हत्या का मामला दर्ज हुआ था. बाद में पुलिसिया जांच के बाद इस मामले को आत्महत्या मानकर केस क्लोज कर दिया था. इसके बाद जन दवाब में इस मामले को झारखंड सीआइडी की टीम ने टेक अप किया. सीआइडी की टीम ने सीन रिक्रिएट किया. लेकिन बाद में हजारीबाग पुलिस की जांच को ही ट्रू कर दिया. इस पर राजेश महेश्वरी ने सीआइडी जांच पर सवाल उठाते हुए मामले की जांच सीबीआई से कराने के लिए याचिका दायर की थी.
फ्लैट नंबर 303 में माहेश्वरी परिवार के छह सदस्यों के मिले थे शव
शहर के खजांची तालाब के निकट स्थित सीडीएम अपार्टमेंट में 15 जुलाई 2018 को फ्लैट नंबर 303 में माहेश्वरी परिवार के छह सदस्यों के शव बरामद हुए थे. इनमें मुख्य सदस्य महावीर माहेश्वरी, पत्नी किरण माहेश्वरी, उनका बेटा नरेश माहेश्वरी, बहू प्रीति माहेश्वरी, पोता अमन माहेश्वरी (10), पोती अन्वी उर्फ परी माहेश्वरी(06)) शामिल थी. इनमें महावीर माहेश्वरी का शव बेडरूम के पंखे से लटका मिला था. वहीं नरेश माहेश्वरी का शरद अपार्टमेंट के ग्राउंड फ्लोर पर पड़ा था. किरण माहेश्वरी का शव बिस्तर पर पड़ा था. बहू प्रीति पंखे से झूल रही थी. वहीं पोता अमन उसकी गर्दन आगे की ओर लटकी हुई थी. जिसका शव सोफे पर पड़ा हुआ था.