Kolkata : कलकत्ता हाई कोर्ट ने आज बुधवार को संदेशखाली मामले की जांच सीबीआई के हवाले कर दी. जांच कोर्ट की निगरानी में की जायेगी. बता दें कि संदेशखाली मामला महिलाओं के खिलाफ अत्याचार और जमीन हड़पने से जुड़ा हुआ है. कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि पीड़ितों की सुरक्षा की जानी चाहिए, याचिकाकर्ता के वकील अलख आलोक श्रीवास्तव ने यह जानकारी दी.
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VIDEO | Sandeshkhali case: “The Calcutta High Court has passed a landmark order today in Sandeshkhali sexual assault and land grabbing cases. It has directed a court-monitored CBI inquiry into the entire matter. It has also directed that victims must be protected,” says… pic.twitter.com/XaQXtdgNbT
— Press Trust of India (@PTI_News) April 10, 2024
कलकत्ता हाईकोर्ट पूरे मामले की निगरानी करेगा
कोर्ट ने आदेश दिया है कि सीबीआई को नयी ईमेल आईडी खोलकर संदेशखाली घटना से जुड़ी शिकायतें जमा करनी होंगी. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की वकील से प्रियंका टिबरेवाल ने कोर्ट से कहा था कि कई महिलाएं डर से कोर्ट नहीं आना चाहती. ऐसे में उनकी शिकायतों को दर्ज करने के लिए या तो कोर्ट की निगरानी में आयोग गठित हो या फिर कोई पोर्टल लॉन्च किया जाये.
जान लें कि संदेशखाली को लेकर कलकत्ता हाई कोर्ट में अब तक पांच जनहित याचिका दायर की जा चुकी हैं.
कलकत्ता हाई कोर्ट ने संदेशखाली मामले को गंभीर माना. कहा कि इस मामले की निष्पक्ष जांच की जानी चाहिए.
संदेशखाली में 15 दिन के अंदर सीसीटीवी कैमरे लगाये जायें
कोर्ट ने यह भी कहा कि संदेशखाली में प्राथमिकता के आधार पर 15 दिन के अंदर सीसीटीवी कैमरे लगा दिये जायें. एलईडी स्ट्रीट लाइट्स लगाई जाये. इसका खर्च राज्य सरकार वहन करेगी. सीबीआई जमीन हड़पने के मामलों की भी जांच करेगी कलकत्ता हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया कि एजेंसी(सीबीआई) आम जन, सरकारी विभागों, गैर-सरकारी संगठनों (NGO) सहित किसी से भी पूछताछ कर सकेगी. कलकत्ता हाईकोर्ट पूरे मामले की निगरानी करेगा. जान ले कि इस मामले में टीएमसी नेता संदेशखाली में हुए ईडी अधिकारियों पर हमले के मामले में जेल में हैं.
बंगाल सरकार को कोर्ट ने लगाई थी फटकार
पिछले गुरुवार को कलकत्ता हाईकोर्ट ने संदेशखाली की घटनाओं को लेकर राज्य की ममता सरकार को फटकारा था. कोर्ट ने संदेशखाली हिंसा को लेकर दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए मामले को बेहद शर्मनाक करार दिया था. कहा था कि यह राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि वह हर एक व्यक्ति को सुरक्षा दे. कहा था कि संदेशखाली मामले में जिला प्रशासन और बंगाल सरकार दोनों को नैतिक जिम्मेदारी लेनी चाहिए. कोर्ट अब संदेशखाली मामले की सुनवाई 2 मई को करेगा.