Dhanbad : गोविंदपुर सीएचसी में चिकित्सा कर्मियों की लापरवाही से टुंडी प्रखंड अंतर्गत रूपन पंचायत के टेसराटांड़ निवासी अमल कर्मकार की पत्नी मीना देवी के प्रसव गृह के बाहर प्रसव होने और नवजात की मौत मामले को जिला प्रशासन ने गंभीरता से लिया है. मामले में सिविल सर्जन डॉ श्याम किशोर कांत ने जांच के निर्देश दिये हैं. सिविल सर्जन के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग की एक टीम ने गोविंदपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जाकर मामले की जांच शुरू की है. जांच टीम इसकी रिपोर्ट सिविल सर्जन को सौंपेगी. सिविल सर्जन की ओर से गठित टीम 30 नवंबर को सीएचसी गोविंदपुर पहुंची तथा प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. राहुल कुमार, एएनएम गीता कुमारी एवं सहायिका फुल कुमारी से मामले की जानकारी ली. टीम ने सीएचसी केंद्र स्थित प्रसव गृह जाकर लोगों से घटना की जानकारी ली. चिकित्सा प्रभारी राहुल कुमार, एएनएम गीता सिन्हा एवं सहायिका फुलकुमारी ने घटना के संबंध में अपना बयान दिया. टीम ओपीडी रजिस्टर, प्रसव गृह रजिस्टर एवं कार्यालय रजिस्टर की छायाप्रति अपने साथ ले गई. कई कर्मियों से लिखित बयान भी लिया. इस संबंध में टीम ने कुछ भी बताने से इनकार कर दिया. टीम में जिला आरसीएच पदाधिकारी डॉ विकास राणा, स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ रेखा नायक एवं सहायक संजू सहाय शामिल थीं. वहीं मौके पर प्रदीप सेन, धर्मेंद्र कुमार, संतोष कुमार आदि मौजूद थे.
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प्रसव गृह से बाहर निकाल दिया था
उल्लेखनीय है कि प्रसव पीड़ित मीना देवी को एएनएम एवं अन्य कर्मियों ने कागजी खानापूर्ति के नाम पर प्रसव गृह से बाहर निकाल दिया था. प्रसव गृह से बाहर निकलने के साथ ही महिला ने अस्पताल परिसर में शिशु को जन्म दे दिया था, जिसकी मौत हो गई. इधर डॉ राहुल कुमार ने कहा कि मरीज को उल्टी एवं दस्त की शिकायत थी. अस्पताल परिसर में उल्टी करने के दौरान जोर पड़ने से उसका प्रसव हो गया था. सिविल सर्जन डॉ श्याम किशोर कांत ने बताया कि मामला गंभीर है. फिलहाल इसकी जांच के निर्देश दिये गये हैं. इसमें जो भी दोषी चिकित्सक अथवा कर्मचारी पाये जायेंगे उन पर विभागीय कार्रवाई की जायेगी.
सिविल सर्जन ने प्रभारी से की बात
इस संबंध में सिविल सर्जन ने गोविंदपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ राहुल कुमार से जानकारी ली है. हालांकि डॉ राहुल ने सिविल सर्जन को बताया कि महिला का पहले से कहीं दूसरे जगह पर इलाज किया जा रहा था. जब वहां पर प्रसव सफल नहीं हो पाया. तब गंभीर अवस्था में प्रसूता को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया. लेकिन इसी बीच गेट के पास भी उसका प्रसव हो गया. नवजात की मौत भी पहले ही हो गई थी. प्रभारी ने चिकित्सक अथवा किसी भी कर्मचारी पर लापरवाही का आरोप बेबुनियाद बताया है. हालांकि अब विभागीय जांच के बाद ही पता चल पाएगा कि दोषी कौन है.
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