Tel Aviv : ईरान की राजधानी तेहरान में रविवार को मार गिराये गये रिवोल्यूीशनरी गार्ड के कर्नल हसन सैयद खोदायारी मामले में विश्व भर में बवाल मचा हुआ है. कहा जा रहा है कि इजरायल ने साल 2012 में दिल्लीे स्थित अपने राजनयिक पर ईरानी हमले का खूनी बदला ले लिया है. इजरायली मीडिया के अनुसार कर्नल हसन सैयद खोदायारी कई देशों में इजरायली राजदूतों पर हमले का मास्टरमांइड था.
जान लें कि ईरान के विरोधी गुटों से जुड़ी न्यूज वेबसाइट ईरान इंटरनैशनल ने भी कर्नल हसन के मारे जाने की पुष्टि की है. माना जा रहा है कि ईरान में घुसकर इस हत्याकांड को इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद ने अंजाम दिया है.
खबरों के अनुसार कर्नल हसन साल 2012 में दिल्ली में इजरायली राजनयिक पर हुए कार बम हमले के लिए जिम्मेदार था. दिल्ली के अत्यंत सुरक्षावाले इलाके में हुए इस हमले में इजरायली राजनयिक की पत्नी घायल हो गयी थीं. रिपोर्ट के अनुसार कर्नल हसन एक दिन बाद थाइलैंड में हुए सिलसिलेवार हमले के लिए भी जिम्मेदार था. जानकारी के अनुसार ईरान ने इस हत्याकांड का बदला लेने का प्रण किया है लेकिन उसने सीधे तौर पर अभी इजरायल को जिम्मेरदार करार नहीं दिया है.
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मोसाद पहले भी कई हत्याकांड को ईरान में अंजाम दे चुकी है
सूत्रों के अनुसार ईरान के सबसे सुरक्षित माने जाने वाले इलाके राजधानी तेहरान में इस हत्याकांड को इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद ने अंजाम दिया है. मोसाद पहले भी कई हत्याकांड को ईरान में अंजाम दे चुकी है. इजरायल के चैनल 13 की रिपोर्ट के अनुसार कर्नल हसन के हत्यारे अभी भी फरार हैं. ईरान अभी तक यह पता नहीं लगा पाया है कि यह हमला किसने और कैसे अंजाम दिया है. कर्नल हसन को तेहरान के मोहेद्दिन-ए-इस्लााम सड़क पर मारा गया जहां पर ईरान के कुख्यात कुद्स फोर्स के वरिष्ठर अधिकारी रहते हैं.
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कर्नल हसन को दो हमलावरों ने 5 गोलियां मारी
कहा जा रहा है कि कर्नल हसन को उनके घर के बाहर अज्ञात हमलावरों ने गोली मारी और मोटरसाइकिल पर फरार हो गये. कर्नल हसन को दो हमलावरों ने 5 गोलियां मारी. इजरायल ने भी अभी तक आधिकारिक रूप से इस हत्याकांड पर कोई बयान नहीं दिया है. खबरों में यह भी कहा जा रहा है कि इजरायल ने इस हत्याकांड को देखते हुए दुनियाभर में अपने दूतावासों को अलर्ट कर दिया है. उसे डर सता रहा है कि ईरान जवाबी हमला कर सकता है.
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ईरान ने हत्या को आपराधिक आतंकी कार्रवाई बताया
नवंबर 2020 में मोसाद ने इजरायल के परमाणु वैज्ञनिक मोहसेन फखरिजादेह को मार गिराया था. इजरायली अखबार यरुशलम पोस्ट2 की रिपोर्ट के अनुसार कर्नल हसन कुद्स फोर्स के सदस्या थे. ईरानी सेना ने इसे आपराधिक आतंकी कार्रवाई करार दिया है. उसने इशारों ही इशारों में इसके लिए अमेरिका और इजरायल को जिम्मेथदार ठहराया है. ईरान के सैन्यर पत्रकार हुसैन दालरिआन ने हत्यााकांड के लिए मोसाद के जासूसों पर उंगली उठाई है. ईरानी सुरक्षा सूत्रों के अनुसार कर्नल हसन ईरान के ड्रोन कार्यक्रम से जुड़े हुए थे.