- शहरी जलापूर्ति योजना में खर्च किये गये हैं 32 करोड़ रुपये
- अभी तक नहीं बन पाया है वाटर ट्रीटमेंट प्लांट, फिल्टर नहीं हो पा रहा है पानी
Ashish Tagore
Latehar : यह भी एक विडंबना है कि लातेहार नगर पंचायत क्षेत्र में शहरी जलापूर्ति मद में 32 करोड़ रुपये खर्च करने के बाद भी लोगों को शुद्ध पानी नहीं मिल पा रहा है. विगत एक सप्ताह से नगर पंचायत क्षेत्र में लोगों को दूषित व मटमैले पानी की आपूर्ति की जा रही है. बताया जाता है कि शहरी जलापूर्ति योजना के तहत अभी तक वाटर ट्रीटमेंट प्लांट नहीं लग पाया है. इस कारण पानी फिल्टर नहीं हो पा रहा है और लोगों को दूषित पानी मिल रहा है. इस पानी को पीकर लोग बीमार पड़ रहे हैं. नगर पंचायत के अधिकारियों का खुद कहना है कि यह पानी पीने योग्य नहीं है.
क्या है शहरी जलापूर्ति योजना
नगर विकास विभाग की कार्यकारी एजेंसी जुडको के द्वारा लातेहार में 32 करोड़ रुपये से शहरी जलापूर्ति योजना का क्रियान्नवय किया गया है. इसके तहत पेयजल आपूर्ति विभाग परिसर, दुगिला व डुरूआ में एक-एक जलमीनार बनाये गये हैं. इसके अलावा शहर के सभी 15 वार्डों में अंडरग्राउंड पाइप लाइन बिछाई गई है. बता दें कि प्रारंभ से ही यह योजना विवादों में रही है. पाइप लाइन बिछाने में अनियमितता के कारण वार्ड पार्षदों ने इसकी शिकायत नगर पंचायत समिति की बैठक में की थी. बाद में राज्य स्तरीय कमिटी यहां आकर जांच की थी, जिसमें कई अनियमितता पायी गयी थी.
क्या कहते हैं कनीय अभियंता
दूषित पेयजल आपूर्ति होने के संबंध में पूछे जाने पर नगर पंचायत के कनीय अभियंता संदीप बेदिया ने बताया कि अभी तक वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का कार्य पूरा नहीं हो पाया है. इस कारण पानी फिल्टर नहीं हो पा रहा है. इसका कार्य प्रगति पर है. आने वाले दिनों में लोगों को इस समस्या से निजात मिल पायेगा. उन्होंने कहा कि क्लोरिन युक्त पानी की आपूर्ति की जा रही है, लेकिन नदी में बाढ़ का पानी आ जाने के कारण पानी दूषित हो जा रही है. दैनिक उपयोग की अन्य जरूरतों के लिए पानी की सप्लाई की जा रही है.
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