Ranchi / New Delhi : झारखंड में सत्तारूढ़ कांग्रेस और जेएमएम के बीच प्रस्तावित ‘कॉमन मिनिमम प्रोग्राम’ बनाने की मांग एक बाऱ फिर से उठी है. झारखंड कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडेय ने कहा है कि कॉमन मिनिमम प्रोग्राम गठबंधन दलों का एक मुख्य एजेंडा है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इस परिवार (गठबंधन) के मुखिया हैं. कोई भी परिवार का मुखिया यह समझे कि वह अकेला परिवार चला लेगा, तो यह उसकी गलतफहमी है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को सोचना होगा कि पिछले डेढ़ साल से गैर भाजपा शासित राज्यों को अस्थिर करने का काम सतत और तेजी से चल रहा है. हालांकि झारखंड में अभी ऐसा कोई संभव नहीं है कि भाजपा इसमें सफल हो. लेकिन संशय पैदा करके सरकार को कमजोर करने की जो कोशिश हो रही होगी, उसे तभी खत्म किया जाएगा, जब गठबंधन की सभी पार्टी एकजुट होकर कॉमन मिनिमम प्रोग्राम को लागू करें और बेहतर समन्यव और विश्वास से काम करें.
7 मार्च को ही सीएम को सौंपी थी लिस्ट
दिल्ली में मीडिया से बातचीत में अविनाश पांडे ने कहा कि उन्होंने 7 मार्च को ही मुख्यमंत्री को कॉमन मिनिमम प्रोग्राम और चार्टर्ड ऑफ कोलिएशन (गठबंधन के कुछ नियम) की लिस्ट सौंपी थी. अपेक्षा यही थी कि वे इस पर गंभीरता से विचार करेंगे. संभव हो कि मुख्यमंत्री राज्यहित के कार्यों में अपनी व्यस्तता और पार्टी के आंतरिक संतोष के कारण कुछ फैसला नहीं ले पाये हो. उनकी मुख्यमंत्री से अपील है कि इस पर वे जल्द विचार करें, ताकि गठबंधन और कार्यकर्ताओं में विश्वास बनी रहे.
राजेश ठाकुर और प्रमुख नेता कार्यशाला में भाग लेंगे
दिल्ली में मंगलवार को होने वाली एक दिवसीय कार्यशाला को लेकर प्रभारी ने कहा है कि इसमें झारखंड के शीर्ष नेताओं और 24 जिलों के संयोजक को बुलाया गया है. इसमें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर और एआईसीसी के कुछ प्रमुख नेता भाग लेंगे. इसमें पार्टी के सशक्तिकरण और प्रखंड एवं बूथ स्तर तक पार्टी की मजबूती पर चर्चा होगी. अविनाश पांडेय ने कहा कि इसके लिए एक कार्यसूची बनायी गयी है. उस कार्यसूची को सफल बनाने के लिए सभी को जिम्मेवारी दी जाएगी. उन्होंने कहा कि आगामी 12 अप्रैल को प्रदेश के सभी जिलों में संवाद प्रतिनिधि कार्यक्रम का भी आयोजन किया जाना है.
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