Saraikela : विश्व स्तनपान सप्ताह कार्यक्रम का समापन समारोह सरायकेला प्रखंड अंतर्गत छोटा टांगरानी विद्यालय परिसर में आयोजित किया गया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में राज्य की महिला, बाल-विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग की मंत्री जोबा माझी उपस्थित थी. जोबा माझी ने इस मौके पर कहा कि जिले के सभी बच्चों को पोषण युक्त आहार देना हम सबकी जिम्मेदारी है. उन्होंने सभी आंगनवाड़ी सेविका एवं समाज कल्याण विभाग अंतर्गत कार्यरत दीदियांे को अपने पोषण क्षेत्र में धात्री माताओं एवं बच्चांे को पोषणयुक्त आहार संबंधित जानकारी देने की अपील की. साथ ही उन्होंने कहा की माहवारी के समय किशोरियों को किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, इसके लिए भी उन्हें जागरूक करें. मंत्री ने उपायुक्त से जिले तेजस्विनी परियोजना अंतर्गत किए जा रहें कार्यों का समीक्षा करने की बात कही.
स्तनपान नवजात के लिए अमृत के समान: डीसी
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए उपायुक्त अरवा राजकमल ने कहा कि स्तनपान नवजात के स्वास्थ्य के लिए जीवन अमृत है. जन्म के तुरंत बाद से कराया जाने वाला स्तनपान ना सिर्फ उन्हें कई गंभीर रोगों से बचाता है बल्कि उनके संपूर्ण विकास की सबसे महत्वपूर्ण सीढ़ी है. उन्होंने कहा बच्चे का शारीरिक एवं मानसिक विकास जन्म के पहले 23 महीने तक होता है इसलिए बच्चे को कुपोषण मुक्त बनाने हेतु पोषण युक्त आहार का सेवन करें.
आंगनबाड़ी में बच्चों को अंडा मिलेगा: निदेशक
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए समाज कल्याण निदेशक ए दोड्डे ने कहा कि जन्म के उपरांत सभी बच्चों को 6 माह तक केवल मां का स्तनपान सर्वाेत्तम माना गया है, जिससे बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी होती है. उसके पश्चात बच्चों को ऊपरी पोषक आहार भी देना चाहिए जिससे बच्चों में कुपोषण ना हो उन्होंने बताया कि कुपोषित बच्चे ना केवल शारीरिक रूप से बल्कि मानसिक रूप से भी विकसित नहीं हो पाते है इस सम्बन्ध में उन्होंने बताया कि जिले के सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों मे बच्चों के लिए अंडा भी वितरण किया जायेगा.
लाभूकों के बीच वितरण किया गया चेक, गर्भवती की करायी गयी गोदभराई
कार्यक्रम के दौरान पांच गर्भवती महिलाओ का गोद भराई, दो बच्चांे का अन्नप्रासन्न किया गया. साथ ही प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के दो लाभुक, मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तीन लाभुक, मुख्यमंत्री सुकन्या योजना के पांच लाभुक, तथा कोविड-19 के दौरान अनाथ हुए तथा एकल माता-पिता वाले बच्चों के संरक्षण हेतु प्रति माह 2000 की राशि दिए जाने हेतु पांच लाभुकों को डमी चेक का वितरण मंत्री द्वारा किया गया.