Ranjeet Kumar
Ranchi : निजी स्कूलों के संगठन सहोदया के सचिव सह डीएवी कपिलदेव के प्रिंसिपल एमके सिन्हा ने कहा कि पैसे के अभाव में किसी बच्चे की पढ़ाई में बाधा नहीं आए, इसकी तैयारी स्कूलों को करनी चाहिए, क्योंकि आज के बच्चे देश का भविष्य हैं. उन्होंने lagatar.in से बातचीत के दौरान कहा कि अगर किसी बच्चे के अभिभावक की नौकरी इस कोरोना काल में छूट गई हो, या व्यापार में नुकसान हुआ हो, तो वह संबंधित विद्यालय में आवेदन दें. अगर उनका दावा सही होगा तो निश्चित रूप से स्कूलों द्वारा यथासंभव सहयोग किया जाएगा. यदि किसी बच्चे के अभिभावक की मृत्यु कोरोना से हो गयी है, ऐसी स्थिति में कोई विद्यालय नहीं चाहेगा कि उस बच्चे की पढ़ाई में बाधा पहुंचे.
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स्कूल के संचालन में भी कई तरह के खर्चे हैं
फीस विवाद के मामले में एमके सिन्हा ने कहा कि स्कूल के संचालन में भी कई तरह के खर्चे हैं. स्कूलों को अपने कर्मचारियों को सैलेरी देनी पड़ती है. इसके अतिरिक्त तमाम तरह के टैक्स का भुगतान करना पड़ता है. स्कूलों के पास फीस के अलावा आय का कोई स्रोत नहीं होता है. अगर स्कूल फीस नहीं लेंगे, तब उन्हें स्कूल चलाना मुश्किल हो जाएगा. इसलिए जो अभिभावक सक्षम हैं, उन्हें भी स्कूलों को सहयोग करना चाहिए.
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ऑनलाइन शिक्षा में सुधार के मामले में डीएवी कपिलदेव सर्वश्रेष्ठ
स्कूलों मे ऑनलाइन क्लास शुरू हुए एक साल से अधिक समय बीत गया है. इतने समय के बाद स्कूल ने ऑनलाइन शिक्षा की व्यवस्था मे क्या सुधार किया गया है, इसपर डीएवी, कपिलदेव के प्रिंसिपल ने कहा कि ऑनलाइन शिक्षा में उनका विद्यालय सर्वश्रेष्ठ है. पिछले साल अचानक हुए लॉकडाउन के बाद ऑनलाइन शिक्षा को अपनाने मे जरूर परेशानी हुई. लेकिन समय के साथ स्कूल ने शिक्षकों को ट्रेंनिंग दी है. व्हाट्सएप से क्लास लेने शिक्षकों को असुविधा होती थी, अब शिक्षक लाइव वीडियो द्वारा बच्चों को पढ़ा रहे हैं. स्कूल ने बच्चों और अभिभावकों को भी ऑनलाइन क्लास के महत्व के बारे में जागरूक करने का काम किया है. फिर भी ऑनलाइन क्लास ऑफलाइन क्लास की जगह नहीं ले सकता. ऑफलाइन क्लास मे जिस तरह बच्चों का सर्वांगीण विकास होता है, वह ऑनलाइन शिक्षा की व्यवस्था में नहीं हो सकता. जैसे ही कोरोना का खतरा कम हो जाएगा और सरकार का निर्देश मिलेगा, तब विद्यालय में फिर से ऑफलाइन क्लास लिए जाएंगे.