Ranchi: पूर्व मंत्री और कांग्रेस के कद्दावर नेता केएन त्रिपाठी ने मगही, मैथिली, भोजपुरी और अंगिका को क्षेत्रीय भाषाओं में जोड़ने की मांग पर फिर से जोर दिया है. स्टेट गेस्ट हाउस में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान त्रिपाठी ने कहा कि इन भाषाओं को क्षेत्रीय भाषा में जोड़ने के लिए सोमवार को सीएम हेमंत सोरेन से मुलाकात की है. उन्होंने भी अपना रुख स्पष्ट करते हुए कहा है कि दुर्गा पूजा के बाद भाषाओं को जोड़ा जाएगा. वहीं पार्टी के स्तर पर आरपीएन सिंह, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और वर्तमान में राज्य सरकार के मंत्री रामेश्वर उरांव मंत्री और आलमगीर आलम से भी मांग की है.
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45 विधानसभा क्षेत्र के लोग होंगे प्रभावित
केएन त्रिपाठी ने कहा, सरकार नोटिफिकेशन में अगर इन चारों भाषाओं को शामिल नहीं करेगी तो राज्य के 45 विधानसभा क्षेत्र के लोग प्रभावित होंगे. अधिकांश युवा अधिकार से वंचित हो जाएंगे. युवकों के हित और आने वाली पीढी के भविष्य के लिए भाषाओं को संशोधित कर अंगीकृत करना जरूरी है.
विधानसभा में नमाज पढ़ने को लेकर जारी नोटिफिकेशन को बताया गलत
वहीं झारखंड विधानसभा के सत्र में हो रहे हंगामे को लेकर केएन त्रिपाठी ने कहा कि स्पीकर द्वारा नमाज पढ़ने को लेकर गलत नोटिफिकेशन जारी किया गया है. नमाज पढ़ने के लिए अलग कमरा आवंटित किया गया है. स्पीकर को यह नोटिफिकेशन जारी करना चाहिए था कि सभी धर्म के लोगों के आध्यात्म के लिए एक कमरा आवंटित किया गया है.
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झारखंड की राजनीतिक संस्कृति खराब
पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी ने राज्य की राजनीतिक संस्कृति पर भी अफसोस जताया. उन्होंने कहा कि पिछले 20 वर्षों से देख रहा हूं, जब से झारखंड राज्य का निर्माण हुआ 4 दिन का विधानसभा सत्र होता है. इस 4 दिन में विधायकों द्वारा विधानसभा को नाच-गाना कर रामलीला का मैदान बना दिया जाता है. यह आपत्तिजनक है. ऐसा करने की वजह से जनता के मुद्दे गौण हो जाते हैं.