Jadugoda : यूसिल जादूगोड़ा के रियर गेट के आसपास के छह गांव के ग्रामीणों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर रियर गेट जाम कर दिया. वही इसकी जानकारी मिलने पर यूसिल प्रबंधन में हड़कंप मच गया. वहीं अपना विरोध प्रदर्शन करते हुए ग्रामीणों ने लगभक 6 घंटे तक गेट जाम कर दिए. हालांकि घंटो गेट जाम के बाद प्रबंधन ने ग्रामीणों को वार्ता के लिए बुलाया. घंटों वार्ता होने के बाद प्रबंधन की ओर से वरीय अधिकारियों की उपस्थिति में 5 जुलाई को वार्ता के लिए बुलाने का आश्वासन मिलने पर ग्रामीणों ने गेट जाम हटा दिया. इस बारे में घनश्याम बिरुली ने बताया कि प्रबंधन ने 27 जून को वार्ता का आश्वासन दिया था, परंतु वार्ता के लिए कोई पत्र नहीं दिया गया.
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इसके बाद बाध्य होकर शुक्रवार को ग्रामीणों ने गेट जाम कर दिया. बिरुली का कहना है कि बाहरी लोगों से काम लेने का लगाया आरोप उन्होंने बताया कि यूसिल जादूगोड़ा प्रबंधन ने 16 मौजा के लोगों के साथ राज्य सरकार के प्रतिनिधियों के समक्ष 1997 को एक समझौता किया था कि जाहेरगढ़ को अधिगृहित क्षेत्र से बाहर रखने एवं संपूर्ण सुरक्षा प्रदान करने की जिम्मेदारी यूसिल जादूगोड़ा का होगा. यूसिल प्रबंधन ने इसके विपरीत जाहेरगढ़ को तहस-नहस कर उसका अस्तित्व ही मिटा दिया है. यदि 5 जुलाई को इन मुद्दों पर सकारात्मक पहल नहीं होने पर आगे की रूपरेखा तय की जाएगी.