Jadugora (Bidyanand sharma) : देश की आजादी में आन्दोलनरत कालिकापुर ग्राम आज भी इतिहास के पन्नों से अछूता है. यहां के कुम्हारों के नेतृत्व में अंग्रेज शासन के दमन के खिलाफ किए गये आन्दोलन के दौरान कालिकापुर थाना में तोड़फोड़ व तत्कालीन दारोगा काली प्रसाद की पिटाई एवं इस घटना के बाद देश की आजादी में मुख्य भूमिका निभाने वाले नेताजी सुभाष चन्द्र बोस का कालिकापुर आकर जनसभा को संबोधित करना आज भी सभी के दिलो दिमाग में है.
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हरि चरण भकत ने की थी दारोगा की पिटाई
देश की आजादी के आन्दोलन में कालिकापुर के नेतृत्वकर्ता ईशान चन्द्र भकत, कमल लोचन भकत व हरि चरण भकत ने किया था. ईशान चन्द्र भकत के पौत्र (नाती) डॉ. विकास चन्द्र भकत ने अपने दादा जी द्वारा सुनायी गयी घटना की जानकारी देते हुए बताया कि 1934 के पूर्व कालिकापुर ग्राम में अंग्रेजों ने थाना बनवाया था. 1934 में इस थाना में दारोगा के पद पर काली प्रसाद कार्यरत थे. जिनकी दमन कारी नीति से इस क्षेत्र के लोग काफी त्रस्त थे. इस दौरान पूरे भारतवर्ष में अंग्रेजों के खिलाफ स्वतंत्रता आन्दोलन का दौर चल रहा था. इन तीनों भाइयों के आवास के सामने स्थानीय ग्रामीणों की एक बैठक हुई. बैठक में कालिकापुर थाना के तत्कालीन दारोगा काली प्रसाद के दमन और अत्याचार के खिलाफ आंदोलन करने का निर्णय लिया गया. लेकिन उस बैठक में भाग ले रहे कुछ बुजुर्गों ने ”कल करे सो आज कर” की नीति पर चलने की बात कही थी. उन्होंने कहा कि क्यों न अभी तुरंत थाना पर आक्रमण किया जाए। इस पर सभी ग्रामवासियों ने उग्र हो कर थाना पर आक्रमण कर दिया एवं थाना परिसर में ही तत्कालीन दारोगा की जमकर पिटाई कर दी व थाना में तोड़फोड़ की. सबसे पहले ईशान चन्द्र भकत व कमल लोचन भकत के बड़े भाई हरि चरण भकत ने दारोगा की पिटाई की थी. इस घटना के बाद कालिकापुर थाना का दारोगा काली प्रसाद थाना छोड़ कर भाग गया था.
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ये लोग थे उपस्थित
नेताजी के भाषण के बाद गांव के लोग कुद पड़े थे स्वतंत्रता आंदोलन में. नेताजी ने कहा था कि भारत में अभी अंग्रेजों का शासन चल रहा है. भारत के लोगों पर दमन नीति अपना रहे हैं. भारत वर्ष गुलामी की जंजीरों में जकड़ा हुआ है. इस जंजीर को तोड़ने के बाद ही हमें स्वतंत्रता मिलेगी. नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने कहा था कि कालिकापुर के वासियों ने अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ यहां की थाना पुलिस की दमनकारी नीति के खिलाफ जो कदम उठाया है, उससे ऐसा लगता है कि यहां की जनता में आन्दोलन के प्रति काफी उत्साह है. इस सभा में प्रमुख रूप से विशिष्ट लोगों में जमशेदपुर के डिकोस्टा साहब, अतुल कृष्ण दत्त, हरि चरण भकत, शिव चरण भकत स्वतंत्रता सेनानी,परेश भकत (गोपालपुर के स्वतंत्रता सेनानी),शशधर भकत,सत्यनन्द भकत, फुलचंद भकत,स्वासपुर ग्राम के ग्राम प्रधान लक्खी चरण भकत, सरदार महेश्वर भकत (मातकमडिह), शिव राम पंडा, केशव भकत संजय भकत,नीलमोहन भकत, चन्द्र मोहन भकत, शिशिर कुमार भकत, पूर्ण चन्द्र मण्डल, रुहीदास कैवर्त, भवदेव भकत, भूपति भकत, आसनबनी के स्वतंत्रता सेनानी स्व. महतो, रासबिहारी भकत सहित अनेक लोगों ने महासभा के इस कार्यक्रम को सफल बनाया था.
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