Jagnnathpur (Rohit Mishra) : प्रखंड के जगन्नाथपुर पंचायत में एक ऐसा जगह है जहां प्रतिदिन शराब की बिक्री धड़ल्ले से होती है और जुए का जमावड़ा लगता है. यह जगह नशेड़ियों व जुआरियों का अड्डा बन गया है. यहां बिना लाइसेंस के लोग ब्लैक में घर व दुकानों से अंग्रेजी शराब व महुआ शराब की बिक्री बिना रोक-टोक के कर रहे हैं. जी हां हम बात कर रहे हैं जगन्नाथपुर के शिव मंदिर चौक से सटे पूर्तीसाई टोला की. इस टोला में जिस आदमी का पैर एक बार पड़ गया वह जुआरी व नशेड़ी होकर ही घर वापस लौटता है. उत्पाद विभाग व प्रशासन को भी इसकी भनक नहीं लगती है क्योंकि यह सड़क से सटे गली के अंदर है. जगन्नाथपुर में अगर किसी से भी पूर्तीसाई (कोलबस्ती) का पता पूछा जाय तो आपको मालूम चल जाएगा कि यह बस्ती नशेड़ियों के लिए कितना फेमस है.
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शिक्षा से वंचित हैं इस टोला के बच्चे
इस टोले के बच्चे शिक्षा से हैं वंचित अशिक्षा व बेरोजगारी के कारण यहां के लोग सरकार द्वारा दी गई चावल खाकर खुश हैं. इन्हें हड़िया व दारु की लत लग गयी है. इसलिए पति दारू पीने में और जुआ खेलने में व्यस्त रहता है और पत्नी किसी होटल में काम कर घर का गुजारा चलाती है. मां-बाप के अशिक्षित होने के कारण और नशे में धुत के कारण यहां के बच्चे स्कूल छोड़कर किसी दुकानों पर कचरे उठाकर उसी पैसे से सिगरेट व बीड़ी पीते हैं. इन बच्चों की जिंदगी इतनी खराब हो गयी है कि कई बच्चे अब चोरी भी करने लगे हैं. श्रम विभाग व शिक्षा विभाग की इस पर थोड़ी भी नजर नहीं है. इस पर जिला व अनुमंडल के प्रशासन को कोई ठोस कदम उठाना चाहिए.
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फूलो झानो योजना से महिलाएं हैं अनजान
देसी शराब बेचने वाली महिलाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए सीएम हेमंत सोरेन ने 29 सितंबर 2020 को फूलो झानो योजना की शुरुआत की थी. लेकिन आज भी लोग हंड़िया व दारू बेच रहे हैं. सरकार द्बारा चलाए जा रहे “आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्बार” कार्यक्रम से यहां की महिलाएं अब तक नहीं जुड़ी हैं. प्रशासन को इस टोला के लिए अलग से जांच पड़ताल कर सभी को सरकार की फूलो झानो योजना से जोड़ना चाहिए. इस अभियान को लेकर राज्य आजीविका मिशन के द्वारा ना केवल जागरूकता अभियान, बल्कि महिलाओं को रोजगारोन्मुख बनाने का दावा किया गया है. लेकिन इन महिलाओं को अभियान का लाभ तो दूर इन्हें पता तक नहीं है कि फूलो झानो योजना है क्या और इसका लाभ कैसे मिलेगा. जबकि सरकार ने जागरूकता फैलाने के नाम पर लाखों रुपये खर्च कर दिए हैं.