NewDelhi : जहांगीरपुरी हिंसा मामले में पुलिस साजिश के एंगल की तलाश में जुट गयी है, मुख्य आरोपी मोहम्मद अंसार की पूरी कुंडली खंगाली जा रही है. जानकारी के अनुसार अंसार सट्टा, अवैध शराब से लेकर ड्रग्स के धंधे में लिप्त था.
पुलिस की टीम जानकारी हासिल कर रही है कि अंसार अवैध कमाई को कहां इन्वेस्ट करता था. बताते हैं कि अंसार अवैध कमाई को प्रॉपर्टी में लगाता था. इसके अलावा, यह भी पता किया जा रहा है कि अंसार के साथ कितने लोग काम करते थे. क्या हिंसा की पहले से साजिश रची गयी थी? कहा गया हे कि उसके पास जो बीएमडब्ल्यू गाड़ी थी, वो दक्षिणी दिल्ली के व्यापारी की थी.
यह भी चर्चा है कि कार को अंसार ने बंगाल में ही किसी को बेच दिया है. पुलिस की जांच इस एंगल पर भी है कि अंसार ने जो मीटिंग हंगामे से तीन दिन पहले बुलाई थी, उसमें कौन-कौन लोग शामिल थे. पुलिस फिलहाल इलेक्ट्रॉनिक सबूत जुटा रही है
ED ने मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया है
पुलिस को एक फेक फेसबुक प्रोफाइल की भी जानकारी मिली है. पुलिस पता लगा रही है कि कहीं इसके तार भी अंसार से तो नहीं जुड़े हैं. बता दें किc ने अंसार के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया है. ईडी को जांच के लिए दिल्ली पुलिस ने पत्र लिखा था. अब ईडी की टीम अंसार की संपत्तियों की जांच करेगी और इनकम के सोर्स के बारे में पुख्ता जानकारी जुटायेगी.
इधर, सोनू उर्फ यूनुस भी हिंसा में शामिल बताया जा रहा है. सोनू का वीडियो हिंसा के अगले दिन यानी रविवार को वायरल हुआ था. इसके बाद पुलिस सोनू उर्फ यूनुस की तलाश में थी. सोनू को दिल्ली पुलिस ने उसके घर से 500 मीटर की दूरी से गिरफ्तार किया था.
सोनू के एक भाई पर 40 केस, दूसरा जेल में
पुलिस के , जिस वक्त सोनू को पकड़ा गया, तब वो किसी से पैसे लेने आया था. सोनू के 7 भाई हैं. उसके तीन भाइयों के खिलाफ पहले से मुकदमे दर्ज हैं. सोनू के भाई हुसैन पर करीब 40 केस दर्ज हैं. सोनू का एक भाई अयूब दो महीने से जेल में बंद है. सोनू जहांगीरपुरी में ही चिकन का ठेला लगाता था.