Bangkok : रूस से तेल खरीदने के भारत के फैसले की अमेरिका और दुनिया के अन्य देश भले ही सराहना न करें, लेकिन उन्होंने इसे स्वीकार कर लिया है, क्योंकि नयी दिल्ली ने अपने रुख का कभी बचाव नहीं किया, बल्कि उन्हें यह अहसास कराया कि तेल एवं गैस की अनुचित रूप से अधिक’ कीमतों के बीच सरकार का अपने लोगों के प्रति क्या दायित्व है. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यह बात यहां कही. जयशंकर भारत-थाइलैंड संयुक्त आयोग की नौवीं बैठक में भाग लेने के लिए मंगलवार को यहां पहुंचे और उन्होंने एक समारोह में भारतीय समुदाय के सदस्यों से मुलाकात की.
जयशंकर ने भारतीय समुदाय के साथ मुलाकात के दौरान यूक्रेन एवं रूस के मध्य जारी युद्ध के बीच, रूस से कम दाम पर तेल खरीदने के भारत के फैसले का बचाव करते हुए कहा कि भारत के कई आपूर्तिकर्ताओं ने अब यूरोप को आपूर्ति करना शुरू कर दिया है, जो रूस से कम तेल खरीद रहे हैं.
Saw the splendid Ramayana murals at the Temple of Emerald Buddha in Bangkok.
Our contemporary partnership with Thailand draws so much from history and culture. pic.twitter.com/kfrm2NF0VB
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) August 17, 2022
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तेल की कीमत अनुचित रूप से अधिक हैं
एस जयशंकर ने कहा कि तेल की कीमत अनुचित रूप से अधिक हैं और यही हाल गैस की कीमत का है. उन्होंने कहा कि एशिया के कई पारंपरिक आपूर्तिकर्ता अब यूरोप को आपूर्ति कर रहे हैं, क्योंकि यूरोप रूस से कम तेल खरीद रहा है. जयशंकर ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा, आज स्थिति ऐसी है कि हर देश अपने नागरिकों के लिए सर्वश्रेष्ठ सौदा करने की कोशिश करेगा, ताकि वह इन उच्च कीमतों का असर झेल सके और हम यही कर रहे हैं.’ उन्होंने कहा कि भारत रक्षात्मक तरीके से ऐसा नहीं कर रहा है.
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मेरे देश में प्रति व्यक्ति आय दो हजार डॉलर है
जयशंकर ने कहा, ‘हम अपने हितों को लेकर बहुत खुले एवं ईमानदार रहे हैं. मेरे देश में प्रति व्यक्ति आय दो हजार डॉलर है. वे लोग ऊर्जा की अत्यधिक कीमत को वहन नहीं कर सकते. उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करना उनका ‘दायित्व’ एवं ‘नैतिक कर्तव्य’ है कि भारत को सर्वश्रेष्ठ सौदा मिले. रूस से तेल खरीदने के कारण अमेरिका के साथ भारत के संबंधों पर पड़ने वाले असर के बारे में पूछे जाने पर जयशंकर ने कहा, मुझे लगता है कि न केवल अमेरिका बल्कि अमेरिका समेत सभी जानते हैं कि हमारी क्या स्थिति है और वे इस बारे में अब आगे बढ़ चुके हैं.
दुनिया ईमानदारी से कही गयी बात सुनती है
उन्होंने कहा, ‘जब आप खुलकर और ईमानदारी से अपनी बात रखते हैं, तो लोग उसे स्वीकार कर लेते हैं.’ जयशंकर ने कहा, ‘वे हमेशा संभवत: उसकी सराहना नहीं करेंगे, लेकिन जब आप बात करते हैं और चालाकी करने की कोशिश नहीं करते, जब आप बिल्कुल सीधे तरीके से अपने हित सामने रखते हैं, तो मुझे लगता है कि दुनिया वास्तविकता को काफी हद तक स्वीकार कर लेती हैं.’
यूक्रेन पर रूस ने 24 फरवरी को हमला कर दिया था, जिसके बाद अमेरिका और यूरोपीय देशों ने उस पर कड़े प्रतिबंध लगाए. भारत ने पश्चिमी देशों की आलोचना के बावजूद रूस से यूक्रेन युद्ध के बाद तेल आयात बढ़ाया है और उसके साथ व्यापार करना जारी रखा है. इससे पहले, जयशंकर ने भारत के समक्ष मौजूद विभिन्न चुनौतियों को रेखांकित किया. उन्होंने कहा, ‘हमने लंबे समय तक सीमा पार आतंकवाद के असर की चुनौती झेली है. पिछले दो साल में हमारी उत्तरी सीमा पर भी चुनौतीपूर्ण स्थिति है.