Jamshedpur: करनडीह दिशोम जाहेर प्रांगण में शुक्रवार को स्वतंत्रता सेनानी बाबा तिलका मांझी की 272वीं जयंती मनाई गई. इस अवसर पर जाहेर थान कमिटी के अध्यक्ष सीआर माझी ने उनकी जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि बाबा तिलका मांझी ने अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ आंदोलन का बिगुल फूंका. अंग्रेजों के जुल्म और अत्याचार के खिलाफ जंगल में रह कर गोरिल्ला युद्ध किया.
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1785 में शहीद हुए थे तिलका मांझी
सीआर मांझी ने बताया कि भारत के इतिहास में बाबा तिलका मांझी का नाम स्वर्णिम अक्षरों में लिखा है. आजादी के लिए लड़ते हुए 1785 में शहीद हो गए. इस अवसर पर चेयरमैन माझी युबराज टुडु, वरीय उपाध्यक्ष-अधिवक्ता गणेश टुडु, बुढान माझी,सुशील हांसदा,दिपक हांसदा, दशरथ टुडू, डोमन टुडू, कुशा सोरेन, मिर्जा सोरेन, करना मुर्मू, सारो हांसदा आदि उपस्थित थे.
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