Jamshedpur : कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स के राष्ट्रिय सचिव सुरेश सोंथालिया ने कहा कि देश के हर हिस्से में फैले 30 हजार से अधिक छोटे और मध्यम क्षेत्रीय स्तर के ब्रांड भारत के लोगों की मांग को पूरा कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि एक सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है की कॉर्पोरेट ब्रांड भारत की लगभग 20% आबादी की जरूरतों को पूरा करते हैं जबकि देश के विभिन्न राज्यों में 30 हजार से अधिक छोटे और मध्यम ब्रांड देश के बाकी 80% लोगों की जरूरतों को पूरा कर रहे हैं, जिनमें छोटे और स्थानीय निर्माताओं और उत्पादकों द्वारा निर्मित उत्पाद शामिल हैं.
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गैर-कॉर्पोरेट क्षेत्र को आवश्यक समर्थन देती है
उन्होंने कहा कि यह वास्तविकता को दर्शाता है कि छोटे और स्थानीय ब्रांड ग्राहकों के बीच ज्यादा लोकप्रिय हैं और देश की अधिकांश आबादी द्वारा ख़रीदे जाते हैं और वो भी ऐसी स्तिथि में जब कुछ विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा लागत से भी कम मूल्य पर सामान बेचना और भारी डिस्काउंट देना शामिल हैं. उन्होंने कहा कि यदि सरकार गैर-कॉर्पोरेट क्षेत्र को आवश्यक समर्थन देती है और ई-कॉमर्स कंपनियों को नीति और कानून का अक्षरश: पालन करने के लिए कठोर नियम बनाती है तो देश का खुदरा व्यापार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया तथा आत्मनिर्भर भारत को पूरा करने में सक्षम है.