Dharmendra Kumar
Jamshedpur: तापमान बढ़ने के साथ ही बिजली की आंखमिचौली की भी शुरुआत हो गई है. शहर के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को भी बिजली आने का घंटों इंतजार करना पड़ता है. अभी मैट्रिक और इंटर की परीक्षा चल रही है. ऐसे में लगातार बिजली के शटडाउन से विद्यार्थियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इस संबंध में लगातार न्यूज से बात करते हुए बिजली विभाग के महाप्रबंधक प्रतोष कुमार ने बताया कि क्वालिटी बिजली उपलब्ध कराना हमारी प्राथमिकता है. इसके लिये हमारी पूरी टीम प्रयासरत भी है.
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तेनुघाट का एक प्लांट के फेल हो जाने से बिजली का संकट हुआ
उन्होंने कहा कि तेनुघाट का एक प्लांट के फेल हो जाने से बिजली का संकट उत्पन्न हुआ है. पूरे कोल्हान में 400 मेगावाट बिजली की डिमांड है, जबकि हमें 300 मेगावाट ही बिजली मिल रही है. 100 मेगावाट कम बिजली मिलने से ही लोगों को परेशानी हो रही है. उन्होंने कहा कि विभाग भी डीवीसी,एनटीपीसी तेनुघाट से बिजली खरीदता है. जिसके लिये राजस्व की जरूरत पड़ती है. लोग समय से बिजली का भुगतान नहीं करता है. जिससे समस्या उत्पन्न होती है. उन्होंने कहा कि देश भर में झारखंड में बिजली का टैरिफ सबसे कम है. लोगों को बिजली बिल का समय पर भुगतान करना चाहिए.
आंधी तूफान के मद्देनजर मरम्मत का कार्य जारी
उन्होंने बताया गर्मी के दिनों में आंधी तूफान का खतरा रहता है, जिसको देखते हुए अभी से मरम्मत कार्य युद्धस्तर पर किया जा रहा है. जर्जर तार एवं बिजली के खंभे को बदला जा रहा है. विद्युत सबस्टेशन की मरम्मत की जा रही है. आवश्यकता अनुसार ट्रांसफार्मर को दुरुस्त किया जा रहा है. घाटशिला एवं पटमदा क्षेत्र में 70% जर्जर बिजली के तार बदल दिए गए हैं. एक सवाल के जबाब में उन्होंने कहा कि लोग सस्ते जमीन के चक्कर में हाईटेंशन तार के नीचे घर बना रहे हैं, जिससे कई घटनाएं हुईं.
आधारभूत संरचना को किया जा रहा है सुदृढ़
जीएम ने बताया कि लोगों को क्वालिटी बिजली निर्बाध रूप से उपलब्ध हो इसके लिये लगातार प्रयास किए जा रहे है. 40 नए विद्युत सब स्टेशन बनाए गए हैं, 11 और निर्माणाधीन हैं. ट्रांसफार्मर की पर्याप्त व्यवस्था है. उन्होंने बताया कि कोल्हान में आठ लाख बिजली उपभोक्ता हैं, जिसमें लगातार बढ़ोतरी हो रही है. उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्र में बिजली की व्यवस्था में बहुत सुधार हुआ है. लगभग 24 घंटे बिजली डिमांड के अनुसार उपलब्ध कराई जा रही है. वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में 18 से 20 घंटे बिजली की आपूर्ति की जा रही है.
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